बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकार यात्रा के दौरान खगड़िया में बीते 27 सितंबर को हिंसा और उपद्रव की घटना की जांच को लेकर गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट के संबंध में मीडिया में आई खबरों पर सूबे की राजनीति गर्मा गयी है.
मीडिया में आयी खबरों में कहा गया है 27 सितंबर की घटना के दिन खगड़िया में उपद्रव के दौरान राजद कार्यकर्ता और पार्टी के एक सांसद दिल्ली से लगातार फोन पर संपर्क में थे. अखबारों ने हिंसा के पीछे राजद नेताओं के उकसाने की खबरें प्रकाशित की हैं.
हालांकि उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार किया है. प्रमुख विपक्षी दल राजद ने एसआईटी के गठन के औचित्य पर सवाल उठाया है.
एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और एसआईटी प्रमुख शिवकुमार झा ने कुछ कहने से इनकार कर दिया. पुलिस मुख्यालय ने भी इस रिपोर्ट पर चुप्पी साधे रखी है.
मीडिया में आयी खबरों में एसआईटी द्वारा खगड़िया हिंसा के पीछे राजद को कथित तौर पर जवाबदेह ठहराने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया और एसआईटी के औचित्य पर भी सवाल उठाया.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रदर्शन में यदि राजद के कार्यकर्ता भी शामिल थे तो उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से अपने विरोध करने के अधिकार का प्रयोग किया.'