पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने मुंबई हमलों के दौरान पकड़े गये एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब के बयान की पुष्टि की है और वे इस निष्कर्ष तक पहुंचे हैं कि इस हमले में शरीक सभी आतंकवादी ‘लश्कर ए तैयबा’ से संबंधित थे और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये पर्याप्त सबूत हैं.
लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन प्रमुख जकीउर रहमान लखवी सहित 7 आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही आतंकवाद निरोधक अदालत में पेश की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई हमलों को अंजाम देने वालों को दोषी ठहराने के लिये पर्याप्त सबूत हैं. इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने जो सबूत एकत्र किये हैं, वह कसाब के बयान की पुष्टि करते हैं.
डॉन न्यूज में प्रकाशित खबर के मुताबिक पाकिस्तानी अभियोजकों और जांचकर्ताओं ने इस रिपोर्ट में खासतौर पर इस बात का जिक्र किया है कि सभी आरोपी लश्कर ए तैयबा से संबंधित हैं और इस वजह से नवंबर में हुए हमलों का सरगना लखवी था. इस रिपोर्ट की एक प्रति हासिल करने वाले इस चैनल ने बताया, ‘‘संयुक्त जांच दल का नेतृत्व कर रहे संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के विशेष जांच समूह के निदेशक ने जांच के दौरान एकत्र किये गये समूचे सबूतों की छानबीन की है.’’ इसने जांच के दौरान भी सबूत एकत्र किये और एकमत से इस पर राजी हुए कि दोषी ठहराने के लिये पर्याप्त सबूत रिकार्ड में मौजूद हैं, जो सभी आरोपियों को प्रत्यक्ष रूप से अपराध से जोड़ता है.’’
इसमें बताया गया, ‘‘आरोपियों ने मुंबई हमलों की योजना बनाई, प्रशिक्षण दिया, सहायता पहुंचाई और 26 से 28 नवंबर 2008 के बीच हुए हमलों को अंजाम दिया.’’ कुल 61 पृष्ठों की रिपोर्ट को एफआईए के विशेषज्ञों के एक दल ने तैयार किया है. इसे पिछले साल जुलाई में रावलपिंडी की अदालत में पेश किया गया था. इस रिपोर्ट में सभी आरोपियों की तस्वीरें हैं, इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो फरार हैं और जिन्हें ‘घोषित अपराधी’ बताया गया है.