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कश्मीर में हिंसा के पीछे लश्‍कर: चिदंबरम

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कश्मीर घाटी में गड़बडी फैलाने वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर ए तय्यबा से है. कानून-व्यवस्था बनाये रखने में राज्य सरकार की पूरी मदद करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि घाटी में हालात आने वाले कुछ दिन में सामान्य हो जाएंगे.

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गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कश्मीर घाटी में गड़बडी फैलाने वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर ए तय्यबा से है. कानून-व्यवस्था बनाये रखने में राज्य सरकार की पूरी मदद करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि घाटी में हालात आने वाले कुछ दिन में सामान्य हो जाएंगे.

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अपने मंत्रालय का जून महीने का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए चिदंबरम ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘मेरे विचार से वे राष्ट्र विरोधी तत्व लश्कर ए तय्यबा से संबद्ध हैं, जो सोपोर में सक्रिय हैं.’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या घाटी में हिंसा फैलाने वाले जिन लोगों को उन्होंने राष्ट्रविरोधी तत्व कहा था, उनके तार पाकिस्तान से तो नहीं जुडे हैं.

उन्होंने उम्मीद जतायी कि घाटी में हालात आने वाले कुछ दिन में सामान्य हो जाएंगे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा कश्मीर मसले पर चर्चा के लिए शाम बुलायी गयी बैठक के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा दिये गये बयान की सराहना की गयी जिससे घाटी में सामान्य स्थिति लौटाने में मदद मिली.

साथ ही केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों को निर्देश दिया गया है कि वे दंगाइयों या पत्थरबाजों से निपटने में अधिक से अधिक संयम बरतें. उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की केन्द्र पूरी मदद करेगा. {mospagebreak}

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चिदंबरम ने कहा, ‘राज्य सरकार यदि कर्फ्यू लगाती है तो उसे लागू होना चाहिए. उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए. कर्फ्यू वाले इलाकों में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान राज्य पुलिस की पूरी मदद करेंगे और केंद्र सरकार कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रदेश सरकार की मदद के लिए प्रतिबद्ध है.’

जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में गृहमंत्री ने कहा कि बुधवार को अपेक्षाकृत शांत दिन गुजरा है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को तत्काल गड़बडी वाले इलाकों का दौरा कर वहां राजनीतिक उपायों के बारे में भी प्रयास करना चाहिए. एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर में कई युवकों को गुमराह किया जा रहा है.

उन्हें दंगा करने या पत्थरबाजी करने का कोई हक नहीं है. सुरक्षाबलों को भी हालात से संवेदनशील ढंग से निपटना चाहिए. एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों ने रबर की गोलियां दागने सहित केवल दो घटनाओं में आत्मरक्षा के लिए बलप्रयोग किया. अन्यथा वे सभी कार्रवाई राज्य पुलिस के साथ मिलकर करते हैं.

चिदंबरम ने संकेत किया कि सोपोर में कुछ दिन पहले मारे गये दो आतंकवादी लश्कर के थे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी बैठक में उमर अब्दुल्ला द्वारा जनता से शांति और सदभाव कायम करने तथा बच्चों को कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देने के बारे में की गयी अपील को सराहा गया.

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चिदंबरम ने कहा कि उमर का बयान स्पष्ट और मजबूत है. कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी बैठक में चिदंबरम के अलावा, रक्षा मंत्री ए के एंटनी और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.

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