लश्कर ए तैयबा को बहुत ही खतरनाक संगठन करार देते हुए अमेरिका ने कहा कि वह इसके जैसे कट्टर एजेंडा वाले अन्य संगठनों को पनपने और राज्यसत्ता को उखाड़ फेंकने से रोकने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
अमेरिका के विदेश विभाग में आतंकवाद निरोधक अभियान के समन्वयक डेनियल बेंजामिन ने कहा, ‘निश्चित ही लश्कर ए तैयबा एक बहुत ही खतरनाक संगठन है जिस तरह हमास, हिजबुला जैसे संगठन सामाजिक सेवाओं के माध्यम से समर्थन जुटाते हैं उसी तरह यह (लश्कर) भी समर्थन जुटाता है. लेकिन वह (लश्कर) वास्तव में चिंता का बहुत बड़ा कारण है.’
मुम्बई हमले के पीछे लश्कर के हाथ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने कभी यह कहा कि लश्कर अलकायदा से ज्यादा खतरनाक है, लेकिन वह निश्चित ही बहुत ही खतरनाक संगठन है.’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘यही कारण है कि हम पाकिस्तान में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के अलावा इस मोर्चे (मुम्बई प्रकरण) पर मिलकर काम कर रहे हैं. हम मुम्बई हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के पाकिस्तान के प्रयासों के प्रति समर्थक रहे हैं.’
बेंजामिन ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि पाकिस्तान अपनी जनता को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अपनी संस्था एवं क्षमता विकसित करे ताकि कट्टर एजेंडा वाले संगठन राज्य सत्ता को न उखाड़ फेंके. बेंजामिन ने कहा कि केरी लुगर विधेयक महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ के बाद यह सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तानी जनता को जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध हों. {mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए बड़ी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जतायी गई है. मुझे लगता है कि यह 14 अरब डालर के करीब है. पाकिस्तान में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में प्रभावित हुए लोगों के लिए यह अच्छी खबर है लेकिन दीर्घकालिक रूप से एक ऐसे मजबूत देश की जरूरत है जो अपनी जनता की आवश्यकताओं को स्वयं पूरा कर सके.’
बेंजामिन ने कहा कि अमेरिका को इस बात की काफी प्रसन्नता है कि क्षेत्र में कई देश लश्कर के खतरे को लेकर चिंतित हैं और इस संबंध में काफी प्रभावी तरीके से आपस में सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में बंगलादेश और भारत का उल्लेख कर चुका हूं जिन्होंने इस संबंध में काफी अच्छा सहयोग किया है. हम इस बारे में अपने सभी सहयोगियों के साथ सहयोग कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मुम्बई आतंकवादी हमले की दूसरी बरसी नजदीक आने के साथ ही हम इस आतंकवादी संगठन से उत्पन्न होने वाले खतरे को कम करने के लिए काफी नजदीकी सहयोग कर रहे हैं. क्षेत्र में लश्कर के प्रयासों को विफल करने के लिए काफी प्रयास हो रहे हैं विशेष रूप से भारत और बांग्लादेश के बीच.’