नौ साल बाद एकजुट हुए महेश भूपति और लिएंडर पेस यहां आस्ट्रेलियाई ओपन में सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे जो यह खिताब पहली बार जीतने के लिये फिर साथ खेल रहे हैं जबकि एकल वर्ग में सोमदेव देवबर्मन और सानिया मिर्जा भारतीय चुनौती पेश करेंगे.
भूपति और पेस ने चेन्नई ओपन जीतकर आस्ट्रेलियाई ओपन की तैयारी पक्की कर ली हालांकि इस बार उन्हें कड़ी चुनौती मिलने वाली है.
आखिरी बार दोनों ने 2001 में फ्रेंच ओपन जीता था लेकिन 2002 के बाद से एटीपी सर्किट पर एक साथ नहीं खेले.
भूपति ने 2002 में मैक्स मिरनी के साथ अमेरिकी ओपन जीतने के बाद से किसी ग्रैंडस्लैम में पुरूष युगल खिताब नहीं जीता है.
पेस ने भूपति के साथ तीन ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के अलावा तीन खिताब और हासिल किये. उसने 2006 में मार्टिन डैम के साथ अमेरिकी ओपन जीता और फ्रेंच ओपन (2006) और अमेरिका ओपन (2009) जीता.
पेस और भूपति ने साथ में डेविस कप और राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया.
पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी के साथ अमेरिकी ओपन फाइनल तक पहुंचे रोहन बोपन्ना भी आकषर्ण का केंद्र होंगे.
एकल वर्ग में सोमदेव देववर्मन के लिये राह आसान नहीं होगी. फिलहाल वह बेहतरीन फार्म में नहीं है लेकिन उनके स्टेमिना पर संदेह नहीं किया जा सकता. चेन्नई ओपन में 2009 में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद सोमदेव का प्रदर्शन औसत ही रहा है. उसे पहले दौर में दुनिया के 51वें नंबर के खिलाड़ी स्पेन के टामी राबरेडो का सामना करना है.
सानिया ने क्वालीफायर खेलकर मुख्य ड्रा में जगह बनाई है . वह 2005 और 2008 में यहां तीसरे दौर तक पहुंची थी.