लीबिया के पूर्व उप प्रधानमंत्री अली तारहूनी ने कतर पर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए देश की संप्रभुता को खतरे में बताया.
तारहूनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं लीबिया की संप्रभुता पर खतरा देख रहा हूं. मुझे लीबियाई लोगों के धन पर खतरा मंडराता दिख रहा है.’ तारहूनी नई सरकार बनने तक लीबिया के तेल और वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे थे. तारहूनी ने कहा कि उत्तरी अफ्रीका के देशों के सामने सुरक्षा और वित्तीय चुनौतियां मौजूद हैं.
तारहूनी ने कतर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देश में सिर्फ संभ्रात लोगों की आवाज सुनी जा रही है. कतर ने लीबिया के तानाशाह नेता मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले विद्रोहियों को धन और हथियार उपलब्ध कराए थे. तारहूनी ने कहा, ‘जो आवाज हम आज सुन रहे हैं वह संपन्न लोगों की है. यह आवाज राष्ट्रीय परिवर्ती परिषद (एनटीसी) के लोगों की है जिन्हें चुना नहीं गया है. ये उन लोगों की आवाजें हैं जिन्हें बाहर से धन, हथियार और जनसंपर्क संबंधी मदद मिल रही थी.’
उन्होंने कहा, ‘कुछ देश हमारे साथ खड़े थे और कुछ देश हमारे साथ नहीं थे. कुछ देशों ने यह सोचना शुरू कर दिया है कि वे लीबिया के आंतरिक मामलों को प्रभावित कर सकते हैं, ऐसा सोचना गलत है.’ यह दावा करने वाले कि उन्हें कल बनी नयी सरकार में शामिल होने का आमंत्रण मिला था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया एनटीसी के पूर्व अधिकारी ने कहा कि उनके लिए संप्रभुता का सवाल सबसे महत्वपूर्ण है. तारहूनी ने कहा कि लीबिया कठिन वित्तीय और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. इसमें तेल भंडारों और सीमा की सुरक्षा तथा बेरोजगारी की समस्या शामिल है.