कोयला घोटाले पर खूब कोहराम मचा, सरकार की खूब किरकिरी हुई, विपक्ष ने जमकर हो हल्ला मचाया. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल खड़े किए लेकिन इन सबसे सरकार और कांग्रेस पर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि सरकार को भरोसा है कि जनता सब भूल जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि कोयला वोइला रहने दो, अरे कल परसों की ही बात है बोफोर्स था, है ना याद, भूल गये हम. वैसा ही कोयले का है, थोड़े दिन हाथ काले, धोए कि दोबारा हाथ साफ़.
पुणे में देश के शिंदे का ये बयान तब आया जब आईएमजी ने तीन और कोयला खदानों के आवंटन रद्द करने की सिफारिश की. जिन कोल ब्लॉक के आवंटन रद्द करने की सिफारिश की गई है वो हैं, गौरांगडीह एबीसी कोल ब्लॉक जो हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड को आवंटित किया गया था. रावणवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक जो एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड को आवंटित किया गया था. न्यू पत्रापाड़ा कोल ब्लॉक जो भूषण स्टील लिमिटेड के नाम आवंटित किया था.
जैसे जैसे वक्त बीत रहा है कोयला घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं लेकिन गृह मंत्री भरोसे के साथ कह रहे हैं कि ये पब्लिक है सब भूल जाएगी. शिंदे साहब का ये बयान सुनकर विपक्ष के उन आरोपों में दम नजर आता है कि सरकार जानती है कि जनता का ध्यान कैसे भटकाना है. बहरहाल, शिंदे का बयान ये साफ करता है कि सरकार को कोयला घोटाले पर मचे तूफान की परवाह नहीं.