केरल के इडुक्की जिले में सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद लौट रहे श्रद्धालुओं के बीच एक जीप के घुस जाने से मची भगदड़ में कम से कम 102 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे को मिलाकर देश में पिछले नौ वर्षों में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर मची भगदड़ की घटनाओं में करीब नौ सौ लोगों की मौत हो चुकी है.
इन घटनाओं जिनका संक्षिप्त इतिहास इस प्रकार है-
16 अक्तूबर 2010: बिहार के एक मंदिर में भगदड़ मचने से 10 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गये.
4 मार्च 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु जी महाराज के मंदिर में एक प्रवेश द्वार के गिर जाने से मची भगदड़ में कम से कम 63 लोगों की मौत हो गई और 100 अन्य घायल हो गये.
14 जनवरी 2010: पश्चिम बंगाल में एक जहाज पर चढ़ने के दौरान मची भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई 17 अन्य घायल हो गये.
सितंबर 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर के पास स्थित चामुंडा देवी मंदिर में मची भगदड़ में 147 लोगों की मौत हो गई और 55 अन्य घायल हो गये.
अगस्त 2008:हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी के मंदिर में जमा हुये श्रद्धालुओं के बीच भूस्खलन की अफवाह फैलने के बाद मची भगदड़ में कम से कम 145 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गये.
27 मार्च 2008: मध्य प्रदेश के करीला गांव में एक मंदिर में भगदड़ मच जाने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये.
अक्तूबर 2007: गुजरात के पवगाह में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत.
जनवरी 2005: महराष्ट्र राज्य के मंधर देवी मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई. मृतको में कई महिलायें और बच्चे थे.
29 अगस्त 2003: नासिक में लगे कुंभ मेले में मची भारी भगदड़ में करीब 40 श्रद्धालुओं की मौत और 125 अन्य घायल हो गये.