सीबीआई ने 12 करोड़ रुपये के कर्ज घोटाले के मामले में शहर के तीन बिल्डरों और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के दो पूर्व अधिकारियों के घर और ऑफिसों पर छापे मारे. इस दौरान जांच एजेंसी को केस से जुड़े कई महत्वपूर्व दस्तावेज मिले हैं.
यह घोटाला 2006-2009 के दौरान सामने आया था. सीबीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बिल्डरों के साथ मिलकर फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर 42 ऐसे लोगों को हाउसिंग लोन दिया, जिनका अस्तित्व ही नहीं था.