कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को झटका देने वाले एक कदम के तहत लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने प्रथम दृष्टया मामला बनने की बात कहते हुए उन्हें नोटिस जारी किया और उनसे भूमि के डिनोटिफिकेशन के मामले में जद (एस) की शिकायत पर अपना पक्ष रखने को कहा है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘चूंकि हमने शिकायत में प्रथम दृष्टया मामला पाया है, इसलिए हमने 21 नवंबर को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है.’ भ्रष्टाचार निरोधक संस्था की इस कार्रवाई से येदियुरप्पा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. येदियुरप्पा हाल में किसी तरह अपनी कुर्सी बचा सके थे.
जद (एस) येदियुरप्पा को हटाने की मांग कर रही है. उसने 18 नवंबर को शिकायत दायर की थी जिसमें भूमि के डिनोटिफिकेशन की जांच की मांग की गई थी. इस भूमि को बैंगलोर विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने डिनोटिफाई किया था. हेगड़े ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनका रवैया भाजपा के प्रति पक्षपातपूर्ण है और वे कुछ राजनैतिक दलों का समर्थन कर रहे हैं.
हेगड़े ने कहा कि लोकायुक्त के समक्ष मुख्यमंत्री के खिलाफ अब तक जो 14 मामले दायर किए गए हैं, उनमें से आठ मामले मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किए बिना ही बंद किए जा चुके हैं जबकि शेष छह मामलों में से एक मामला भूमि के डिनोटिफिकेशन से संबंधित है. इसमें नोटिस जारी किया गया है. हेगड़े ने कहा, ‘जब साल 2000 से 2010 के बीच मेरे पास 39 मामले हैं तो क्यों सरकार सिर्फ सात मामलों की जांच की स्थिति जानना चाहती है.’
अपनी अनदेखी करके न्यायिक जांच का आदेश देने के तरीके को लेकर सवाल खड़े करने के बाद लोकायुक्त को सौंपे गए विभिन्न मामलों की स्थिति रिपोर्ट सरकार द्वारा मांगे जाने से हेगड़े नाराज हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई शक नहीं है कि यह इस नजरिए के साथ किया गया है ताकि मुझे जद एस समर्थक या कांग्रेस समर्थक व्यक्ति के तौर पर पेश किया जा सके. मैं इसका खंडन करता हूं. मेरे मन में ऐसा कोई पूर्वाग्रह नहीं है.’