लोकसभा में लोकपाल बिल पेश कर दिया गया. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकपाल बिल पर आपत्ति जताई है. उन्होंने लोकपाल में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण का विरोध किया और कहा है कि यह संविधान सम्मत नहीं है. उन्होंने अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने का भी विरोध किया है क्योंकि यह संविधानसम्मत नहीं है. सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारी दूसरी आपत्ति यह है कि यह हमारी संघीय ढ़ांचे पर प्रहार करता है और यह संविधानसम्मत नहीं है.
प्रणब मुखर्जी ने सुषमा स्वराज की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को कानून बनाने का अधिकार है और इसके तहत लोकपाल में वह प्रावधान कर रही है. उन्होंने कहा कि संसद को न्यापालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देना चाहिए.
उधर मुलायम सिंह ने इस बिल को लेकर कई आपत्तियां जताई जिसमें कहा गया कि इस बिल के आने से छोटे कर्मचारियों को परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि लोकपाल कहीं ब्लैकमेल करना शुरू कर दे तो क्या होगा.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार ने जो आरक्षण का प्रस्ताव किया है वह बिल्कुल सही है. यह कोई सरकारी नौकरी नहीं है कि 50 प्रतिशत का मापदंड देखा जाए. लालू का कहना था कि देश रौब और प्रताप से चलता है ब्लैकमेलिंग से नहीं. यह आनन फानन में लाया गया बिल है. लालू ने कहा कि पूरी बात सुनने के बाद ही सरकार कोई बिल बनाए.