अन्ना हजारे की ओर से आंदोलन शुरू करने के आसन्न खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर व्यापक सहमति तथा 22 दिसम्बर को समाप्त होने वाले संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान उसे पारित करना सुनिश्चित करने के लिए अगले सप्ताह सर्वदलीय बैठक बुलायी है.
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सर्वदलीय बैठक से पहले संप्रग के सहयोगी दल आम रणनीति तैयार करने और संसद में एक आवाज में बोलने के बारे में 13 दिसम्बर को अनौपचारिक बातचीत करेंगे.सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट की मंगलवार को बैठक होगी जिसमें लोकपाल मुद्दे पर कार्मिक, कानून एवं न्याय मामलों की संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों पर चर्चा होने की संभावना है.
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डा. सिंह ने अपने आवास पर 14 दिसम्बर को आयोजित बैठक में सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. इस बैठक में लोकपाल मुद्दे पर चर्चा के साथ ही विधेयक पर व्यापक आमराय बनाने के प्रयास किये जाएंगे ताकि इसे संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान ही बिना अधिक रुकावट के पारित कराया जा सके.
दिल में अन्ना, हर हाथ में तिरंगा
सूत्रों ने संकेत दिया कि संभावना है कि कैबिनेट संसदीय समिति की ओर से दिये गए कुछ सुझावों को शामिल करके उसे पारित कर देगी. संशोधनों के साथ लोकपाल विधेयक के 19 दिसम्बर को संसद में पेश किये जाने की संभावना है. विधेयक पर स्थायी समिति की रिपोर्ट को कल संसद के दोनों ही सदनों में पेश किया गया.
नेताओं के घरों पर अन्ना समर्थकों का प्रदर्शन
विपक्षी दलों और टीम अन्ना की त्यौरियां इस रिपोर्ट को देखकर चढ़ गयी क्योंकि उन्हें लगता है कि जिन मुद्दों पर पूर्व में सहमति बन गयी थी, रिपोर्ट में उससे अलग सिफारिशें की गयी हैं. विपक्ष और अन्ना पक्ष चाहता है कि सिटीजन चार्टर और निचली नौकरशाह को लोकपाल के दायरे में लाया जाए. वे यह भी चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाए लेकिन उन्हें सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में छूट प्राप्त हो.
भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ पूरा देश एकजुट