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लोकपाल ड्राफ्ट के लिए स्टैंडिंग कमिटी को चाहिए एक हफ्ते की मोहलत

देश को बेसब्री से संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल के पेश होने का इंतजार है. टीम अन्ना को भी सरकार ने बार बार भरोसा दिलाया कि 22 दिसंबर तक लोकपाल बिल आकर रहेगा लेकिन संसद में लोकपाल बिल के पेश होने पर एक बार फिर आशंका के बादल लगते दिख रहे हैं.

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देश को बेसब्री से संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल के पेश होने का इंतजार है. टीम अन्ना को भी सरकार ने बार बार भरोसा दिलाया कि 22 दिसंबर तक लोकपाल बिल आकर रहेगा लेकिन संसद में लोकपाल बिल के पेश होने पर एक बार फिर आशंका के बादल लगते दिख रहे हैं.

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ऐसी खबर कि लोकपाल बिल फिर से होता हुआ दिख रहा है साजिश का शिकार. आशंकाएं पैदा हो रही हैं कि कहीं अटक तो नहीं जाएगा लोकपाल क्योंकि लोकपाल बिल ड्राफ्ट सौंपने के लिए स्टैंडिंग कमिटी ने एक हफ्ते का और वक्त मांगा है.

गौरतलब है कि लोकपाल बिल पर बनी संसद की स्टैंडिंग कमिटी को 7 दिसंबर तक ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपना था ताकि ड्राफ्ट को आगे केबिनेट में रखा जाता और फिर संसद की स्वीकृति के लिए दोनों सदनों में रखकर लोकपाल कानून बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती लेकिन फिलहाल स्टैंडिग कमिटी को ही चाहिए और वक्त.

स्टैंडिंग कमिटी ने लोकपाल का ड्राफ्ट सौंपने के लिए 1 हफ्ते का और वक्त मांगा है यानी अब लोकपाल बिल का ड्राफ्ट 14 दिसंबर तक तैयार हो पाएगा.

अब सवाल यह उठता है कि जब स्टैंडिंग कमिटी ही 14 दिसंबर तक लोकपाल बिल ड्राफ्ट तैयार कर सौपेंगी तो आखिर कब ड्राफ्ट को केबिनेट की मंजूरी मिलेगी और फिर 22 दिसंबर तक लोकपाल बिल को संसद के सदनों की मंजूरी कैसे मिल सकेगी?

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ऐसे सवाल यह उठता है कि कहीं एक बार फिर लोकपाल को अटकाने की साजिश तो नहीं हो रही है?

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