बहुप्रतीक्षित लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक के पारित होने में अब और विलंब होगा क्योंकि इस पर विचार कर रही राज्यसभा की प्रवर समिति को अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए आज और समय दिया गया. समिति को तीन सितंबर तक अपनी सिफारिशें सौंपनी थीं.
राज्यसभा में सपा नेता रामगोपाल यादव ने यह प्रस्ताव किया, राज्यसभा की लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 संबंधी प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्धारित समय राज्यसभा के शीतकालीन सत्र 2012 के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया जाए.’ यादव ने जिस समय यह प्रस्ताव पेश किया, उस समय भाजपा सदस्य कोयला ब्लॉक आवंटन के संबंध में कैग की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे. हंगामे के बीच ही सदन ने यादव के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी.
लोकपाल विधेयक संबंधी राज्यसभा प्रवर समिति की गुरुवार को हुई बैठक में इसका कार्यकाल बढ़ाने के लिए सदन से अनुमति मांगने का निर्णय किया गया. इस समिति का कार्यकाल तीन सितंबर को खत्म होने जा रहा था. सपा नेता रामगोपाल यादव ने शुक्रवार को संसद के बाहर संवादाताओं से कहा कि समिति का कार्यकाल इसलिए बढ़ाया गया क्योंकि समिति के सदस्य इस महत्वपूर्ण विधेयक पर और चर्चा करना चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘कई लोग अपने विचार रखना चाहते थे. हमें कई लोगों की राय लेनी है. इसके अलावा इसके हर उपबंध पर चर्चा होनी है. लिहाजा इसमें समय लगेगा.’ गौरतलब है कि लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक पर पिछले शीतकालीन सत्र में चर्चा अधूरी रही थी.
बजट सत्र में सरकार ने अपने सहयोगी और बाहर से समर्थन दे रहे दलों के सुझाव पर इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंप दिया था. उम्मीद की जा रही थी कि प्रवर समिति मौजूदा मानसून सत्र के अंतिम दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। लेकिन इसकी अवधि बढ़ाए जाने से समिति की सिफारिशें सौंपने का काम लटक गया है.