लोकपाल के चयन और उसे हटाने की प्रक्रिया के दो नये मुद्दों पर सरकार और गांधीवादी अन्ना हज़ारे के बीच मतभेद उभरने के बाद संयुक्त मसौदा समिति की आज नौंवीं और अंतिम बैठक होगी.
हज़ारे द्वारा बीते अप्रैल में अनशन करने के बाद सरकारी अधिसूचना के जरिये गठित हुई इस समिति की 16 अप्रैल से 20 जून के बीच आठ बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों के दौरान दोनों पक्षों के बीच लोकपाल के अहम मुद्दों पर गंभीर मतभेद उभरे और तीखी बयानबाजी हुई.
दोनों पक्षों के बीच बातचीत टूटने के कगार पर पहुंचने के बाद बीते सोमवार को हुई बैठक में ‘सौहार्दपूर्ण’ तरीके से चर्चा हुई.
हालांकि, 80 से 85 फीसदी मुद्दों पर आम सहमति होने के मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के दावों के विपरीत हज़ारे पक्ष ने कहा कि लोकपाल के चयन और उसे हटाने की प्रक्रिया के दो नये मुद्दों पर सरकार के साथ उसके मतभेद उभरे हैं.
आज अपराह्न होने वाली समिति की अंतिम बैठक में दोनों पक्ष लोकपाल मसौदा विधेयक के अपने-अपने संस्करणों का आदान-प्रदान करेंगे. इसके बाद एक दस्तावेज तैयार कर उसे कैबिनेट के पास भेजा जायेगा, जिसमें असहमति वाले बिंदुओं का विशेष उल्लेख रहेगा.
छह जून को हज़ारे पक्ष की गैर-मौजूदगी में हुई बैठक में केंद्र के मंत्रियों के बीच यह आम राय बनती दिखी कि प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच को उनके पद पर रहने तक निलंबित रखा जाये. लेकिन जैसे ही वह पदमुक्त हो जायें, उन्हें जांच के दायरे में लाया जा सकता है.
सिब्बल स्पष्ट कर चुके हैं कि इस मुद्दे पर जुलाई में सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा की जायेगी. वहीं, लोकपाल के मुद्दे पर ही आज संप्रग की भी एक बैठक संभावित है.