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लोकपाल में और विलम्ब अस्वीकार्य: अन्ना

लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि लोकपाल विधेयक के पारित होने में अब और विलम्ब नहीं होना चाहिए.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

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लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि लोकपाल विधेयक के पारित होने में अब और विलम्ब नहीं होना चाहिए.

यहां आयोजित एक सार्वजनिक सभा से अलग संवाददाताओं से बातचीत में अन्ना ने कहा कि प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर उनके आंदोलन को शुरू हुए एक साल बीत चुके हैं. अब इसमें और विलम्ब नहीं होना चाहिए. अन्ना ने कहा कि एक साल पहले मैंने अपना आंदोलन शुरू किया था, तीन महीने तक उन्होंने हमारे पांच सदस्यों के साथ बैठकें की, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला.

अन्ना ने कहा कि यह हमारे उस देश का अपमान है, जहां भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपनी जान कुर्बान की थी. लोकपाल को पास होने में अधिक समय लग रहा है, यह अच्छा नहीं है. अन्ना ने लोकपाल विधेयक का अध्ययन करने वाली संसद की स्थायी समिति पर भी आरोप लगाया कि उनकी तीन प्रमुख मांगों पर 'सदन की भावना' के बावजूद उसने तीनों मांगों को विधेयक में शामिल नहीं किया.

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अन्ना ने कहा कि जब मैं रामलीला मैदान में अनशन पर बैठा था, तब प्रधानमंत्री ने लिखित में दिया था कि लोकायुक्त, सिटिजन चार्टर और ऊपर से नीचे तक के सभी अधिकारी लोकपाल के दायरे में होंगे. इसे संसद में पेश किया जाएगा और संसद इसे सर्वसम्मति से पारित करेगा लेकिन जब यह स्थायी समिति में गया तो समिति ने उसे हटा दिया.

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