मिशन लोकपाल पर जुटे अन्ना हजारे ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की. मुलाकातो को अन्ना हजारे ने सकारात्मक करार दिया.
अन्ना ने बताया कि सोनिया गांधी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि लोकपाल ड्राफ्ट पर जिन मुद्दों पर मतभेद है उसपर वो अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत करेंगी. अन्ना हजारे ने मुख्य 6 मुद्दों पर सोनिया गांधी से बात की है. हांलाकि दोनों के बीच मतभेद 15 मुद्दों पर है. अन्ना ने सोनिया गांधी से ये भी अपील की कि संसद में सही ड्राफ्ट भेजा जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो 16 अगस्त से अनशन पर बैठेंगे.
अन्ना हज़ारे लोकपाल बिल के मुद्दे पर सभी पार्टियों से मिल रहे हैं. अपनी टीम की तरफ से तैयार की गई ड्राफ्ट पर वो सबकी सहमति चाहते हैं. यही वजह है कि अन्ना इस बिल पर जनता के नुमाइंदों को भी राज़ी करने की मुहिम में जुटे हैं. सोनिया गांधी से मुलाकत कर वो कांग्रेस से भी मतभेद दूर करना चाहते हैं. मुख्य पांच ऐसे मुद्दे हैं जिनपर सरकार और अन्ना की टीम के बीच पेंच फंसा है.
पहला मुद्दा:
लोकपाल चयन समिति के सदस्य
सिविल सोसायटी चाहती है कि लोकपाल चुनने वाली समिति के 11 सदस्यों में पीएम, नेता प्रतिपक्ष, और एक वरिष्ठ मंत्री के अलावा बाकी गैर राजनीतिक लोग हों. जिसमें सीएजी और सीवीसी जैसे लोग भी शामिल हों. जबकि सरकार चाहती है कि चयन समिति में ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक लोग हों, सीवीसी और सीएजी तो कतई नहीं.
दूसरा मुद्दा:
लोकपाल के दायरे में पीएम?
सिविल सोसायटी पीएम को भी लोकपाल के दायरे में चाहती है जबकि सरकार इसमें रिटायरमेंट के बाद की शर्त जोड़ रही है.
तीसरा मुद्दा
लोकपाल को हटाने की प्रक्रिया
सिविल सोसायटी ये हक आम आदमी को भी देना चाहती है कि वो सुप्रीमकोर्ट में मुकदमा कर लोकपाल को हटवा दे. जबकि सरकार पूरी तरह इसे सरकार के कब्जे में रखने चाहती है.
चौथा मुद्दा
लोकपाल का दायरा
सिविल सोसायटी चाहती है कि पीएम, न्यायपालिका, सरकारी कर्मचारी, सांसद, मंत्री, सैनिक खरीददारी, नौकरशाह लोकपाल के दायरे में हों जबकि सरकार नौकरशाह, पद पर पीएम, उच्च न्यायपालिका सांसदों को इसके दायरे में नहीं रखना चाहती.
पांचवा मुद्दा
भ्रष्टाचार की सजा
सिविल सोसायटी चाहती है कि भ्रष्टाचार की सजा उम्रकैद हो जबकि सरकार 10 साल से ज्यादा की सजा के लिए तैयार नहीं.
अन्ना की टीम सरकार के नुमाइंदों से लोकपाल बिल पर आठ बार बैठक कर चुकी है लेकिन फिर भी इन मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है. अब अन्ना की टीम और सरकार के बनाए ड्राफ्ट संसद में रखे जाने हैं, लेकिन उससे पहले अन्ना अपनी ओर से पूरी कोशिश कर लेना चाहते हैं ताकि उनकी टीम के बनाए ड्राफ्ट पर सहमति बन जाए.