सुरक्षा कड़ी किए जाने और प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की चेतावनी के बीच चार दिन के दंगों और लूटपाट के बाद ब्रिटेन के शहरों में तनावपूर्ण शांति रही.
कैमरन ने चेतावनी दी है कि कानून व्यवस्था की स्थिति किसी भी कीमत पर बहाल की जाएगी. उन्होंने इंग्लैण्ड में दशकों में अब तक के सबसे भीषण दंगों पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया है. दूसरी ओर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तनाव चरम पर है लेकिन किसी बड़ी घटना की कोई खबर नहीं है.
अशांति को कुचलने के लिए लड़ाई लड़ने का संकल्प व्यक्त करने वाले कैमरन द्वारा स्थिति से निपटने के लिए आगे के कदमों की रूपरेखा घोषित किए जाने की उम्मीद है.
ब्रिटिश मीडिया ने कहा है कि प्रारंभिक आकलन के मुताबिक दंगों में करीब 20 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ है. 1886 के दंगा नुकसान अधिनियम के तहत लोग एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपनी संपत्ति को हुए नुकसान के एवज में स्थानीय पुलिस के अधिकारियों से क्षतिपूर्ति मांग सकते हैं. लोगों को हालांकि इस अधिनियम के बारे में कम ही जानकारी है.
पुलिस ने एक हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और 300 के खिलाफ लंदन तथा अन्य शहरों में हिंसा से संबंध रखने का आरोप लगाया है. दंगों के चलते अपनी छुट्टियां बीच में ही छोड़ इटली से स्वदेश लौटे कैमरन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर तुरंत पानी की बौछारें उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है.
पुलिस को दंगाइयों के खिलाफ प्लास्टिक की गोलियों के इस्तेमाल की पहले ही अनुमति दी जा चुकी है और ऐसा पहली बार हुआ है.