वरिष्ठ पत्रकार एम जे अकबर ने मंगलवार को हुए मंत्रिमंडल में बदलाव के बारे में कहा कि यह मंत्रिमंडल में बदलाव नहीं बल्कि एक तरह की सांत्वना देने की कोशिश है.
हेडलाइंस डुडे चैनल पर एक एक्सपर्ट पैनल में बहस के दौरान इंडिया डुडे के एडिटोरियल डायरेक्टर ने चैनल को बताया कि सारी कोशिश को यूपी में चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया कि 2जी घोटाले के मामले में कानून मंत्रालय की कार्रवाई से बिल्कुल सहमत नहीं हैं.
मोईली और जयराम रमेश के मंत्रालय में परिवर्तन कर मनमोहन सिंह साफ संदेश देना चाहते हैं कि व्यवस्था को कायम रखने की असक्षमता, शासन और निवेश की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं की जयोगी. जयराम रमेश के पदोन्नति के सबंध में सवाल पूछे जाने पर अकबर का कहना था कि जयराम ने ऐसी पदोन्नति कतई नहीं चाही होगी.
वैसे मेल टुडे के संपादक भारत भूषण का मानना है कि जयराम को यह मंत्रालय पसंद था क्योंकि यह वोटरों से संबंधित मंत्रालय है जहां कई काम करने की अनेक संभावनाएं हैं. हिंदू के डिप्टी एडिटर सिद्धार्थ वर्धराजन ने हेडलाइंस टुडे को बताया कि जयराम कम से कम बिल्ली के गले में घंटी बांधने के इच्छुक तो थे. उन्होंने कॉरपोरेट जारों के खिलाफ आवाज़ बुलंद तो की.
भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जयराम रमेश के मंत्रालय में परिवर्तन पर कहा कि जब आप सत्ता में होते हैं तो संतुलन की जरूरत होती है. यूपीए आजकल गंभीर संकट से जूझ रहा है. मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा (संचार और सूचना तकनीक-राज्य मंत्री) को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर अकबर ने कांग्रेस की जमकर आलोचना की और कहा कि सरकार वंशवाद और परिवारवाद पर पर लगाम नहीं लगा सकती.