राजस्थान विधानसभा में आज एक अभूतपूर्व घटना में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायक भवानी सिंह राजावत ने सत्ता पक्ष की ओर चप्पल फेंकी. विधानसभा ने बाद में उन्हें इस आरोप में सदन की सदस्यता से एक साल के लिये निलंबित कर दिया.
राजस्थान विधान सभा के इतिहास में संभवत यह पहला मौका था जब प्रतिपक्ष दल के विधायक ने सत्ता पक्ष की ओर चप्पल फेंकी. सदन में इस घटना के दौरान सदन के नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे मौजूद नहीं थी.
सरकारी मुख्य सचेतक विरेंद्र बेनीवाल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि भाजपा विधायक प्रमिला कुंडेरा और कांग्रेस विधायक डा रघु शर्मा के बीच कथित भूमि विवाद को लेकर तीखे आरोप प्रत्यारोप के बीच भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने सत्ता पक्ष की ओर एक महिला विधायक की चप्पल फेंकी.
बेनीवाल ने राजावत के इस कृत्य को निंदनीय मानते हुए भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत को सदन की सदस्यता से एक साल के लिये निलंबित करने का प्रस्ताव रखा. सभापति सुरेंद्र जाड़ावत ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित घोषित कर भवानी सिंह राजावत को विधानसभा की सदस्यता से एक साल के लिये निलंबित कर दिया.
सभापति सुरेन्द्र जाडावत ने भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत को एक साल के लिए निलम्बित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित समय के लिए स्थगित कर दी. सदन ने शोरशराबे और हंगामे के बीच राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान करने की गारंटी अधिनियम 2011 को ध्वनिमत से पारित कर दिया.
इससे पहले हंगामा उस समय शुरू हुआ जब भाजपा की प्रमिला कुंडेरा ने पर्ची के माध्यम से एक तालाब की जमीन का बेचान एक विधायक की पत्नी के नाम करने की घटना का ब्यौरा देने की शुरूआत की. कांग्रेस विधायक डा. रघु शर्मा ने उतेजित होकर अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह से प्रमिला कुंडेरा को इस मामले को नोटिस देकर उठाने की मांग की. डा शर्मा, कुंडेरा के कथन से उत्तेजित होकर महिला विधायक के खिलाफ कथित अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर भाजपा सदस्य उत्तेजित होकर अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और शर्मा से शब्दांे को वापस लेने और खेद व्यक्त करने की मांग करने लगे.
इस दौरान अध्यक्ष के आसन के सामने खडे विपक्षी सदस्यों में से किसी एक सदस्य ने (सदन में लगे सीसीटीवी के फुटेज देखने में भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत सामने आये) एक महिला विघायक की चप्पल सत्ता पक्ष की ओर फेंकी, जो अधिकारियों की दीर्घा के पास जाकर गिरी. इसके जवाब में डा रघु शर्मा ने भी अपना जूता निकाल कर प्रतिपक्ष सदस्यों की ओर दिखाते हुए कुछ कहा लेकिन शोरशराबे के कारण कुछ सुना नहीं जा सका.
सदन में मौजूद सुरक्षाकर्मी जब चप्पल उठाकर अध्यक्ष के आसन की ओर जाने लगा तो कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने चप्पल अपने पास रखवा ली.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद सभापति को इस मुददे को लेकर आये गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार अलग अलग समय के लिए रोकनी पडी. हंगामे और शोर शराबे के कारण सदन में भ्रष्टाचार को रोकने के मुददे पर चर्चा नहीं हो सकी.