मुंबई में अनशन के लिए टीम अन्ना से मैदान का किराया 17 लाख रुपया मांगा गया. टीम अन्ना ने एमएमआरडीए मैदान के लिए 3.5 लाख रुपये प्रति दिन के किराये को अत्यधिक बताते हुए इस मामले में प्रदेश सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि यदि यह मुद्दा सौहार्दपूर्ण तरीके से नहीं सुलझा तो वे अदालत में जा सकते हैं.
टीम अन्ना की कोर कमेटी के सदस्य मयंक गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री और मुंबई पुलिस आयुक्त से यह बताने को कहा है कि हम कहां (अनशन पर) बैठें. हम इतनी अत्यधिक कीमत नहीं चुका सकते. हमारे पास इतना पैसा नहीं है.’ अन्ना हजारे का आंदोलन चला रहे संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन की मुंबई इकाई के संयोजक प्रफुल्ल वोरा ने कहा, ‘हमारे कानूनी सलाहकार हमें उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दाखिल करने का सुझाव दे रहे हैं क्योंकि हमारा संगठन व्यावसायिक नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘हम कल या परसों याचिका दाखिल कर सकते हैं.’ मयंक गांधी ने कहा कि टीम अन्ना ने आजाद मैदान में अनशन की योजना बनाई थी लेकिन हमसे बांद्रा.कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए के मैदान में प्रदर्शन करने के लिए कहा गया.
वोरा ने कहा, ‘यदि सरकार चाहती है कि हम एमएमआरडीए में प्रदर्शन करें तो उसे खर्च उठाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘इससे हमें और उन सभी भारतीयों को ठेस पहुंची है जो लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हमें पांच दिन के लिए 17 लाख रुपये का भुगतान करना है जिसमें रिफंडेबल राशि शामिल है.’
मयंक गांधी ने कहा कि अगर रामलीला मैदान की तरह 2,000 से 5,000 रुपये तक टोकन राशि मांगी जाती तो हमें कोई दिक्कत नहीं थी. अन्ना हजारे ने कल कहा था कि वह 27 दिसंबर से तीन दिन अनशन करेंगे और उसके बाद तीन दिन तक जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा.
आईएसी ने कल मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर उनसे किराये में छूट की मांग की थी.
आईएसी के प्रफुल्ल वोरा ने चव्हाण को लिखे पत्र में कहा, ‘हमें यह जानकर हैरत हुई कि :एमएमआरडीए मैदान की: प्रतिदिन की औसत लागत करीब दो लाख रुपये होगी. इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि पूरे शुल्क को माफ कर दें या कुछ वित्तीय राहत प्रदान करें.’ वोरा ने अपने पत्र में लिखा है, ‘नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से उनकी जरूरतों के लिए प्रदर्शन करने देना सरकार की जिम्मेदारी है. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अनशन में बड़ी संख्या में नागरिक भाग लेंगे और वहां आएंगे. इसके मद्देनजर हमें एमएमआरडीए के मैदान का जायजा लेने का सुझाव दिया गया क्योंकि यहां पूरे महाराष्ट्र और भारत से आये लोगों के लिए पर्याप्त स्थान है.’ संगठन ने यह भी कहा है कि वह बिना लाभ वाला संगठन है और जनता के लिए काम कर रहा है.
पत्र के अनुसार, ‘हम किसी तरह के विज्ञापनों या किसी व्यावसायिक उत्पाद अथवा सेवा के प्रचार की अनुमति नहीं देते. पूरा उद्देश्य राष्ट्रहित में व्यवस्था में सुधारों के लिए संघर्ष करने का है.’ वोरा ने कहा, ‘अगर एमएमआरडीए की ओर से बड़ी लागत में छूट संभव नहीं है तो हमारा अनुरोध है कि आजाद मैदान में 27 दिसंबर से अन्नाजी के अनशन में लोगों को शामिल होने के लिए पर्याप्त इंतजाम किये जाएं. हमारा मानना है कि 50 हजार से एक लाख लोग हर दिन आना चाहेंगे.’