भाजपा ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह शिवसेना के साथ अपना गठबंधन कभी नहीं तोड़ेगी लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठजोड़ को हराने के लिए राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से राजनीतिक रिश्ता बनाने में दिलचस्पी रखती है.
लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे पत्रकारों के साथ बातचीत में अपने उस रुख पर डटे रहे जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस.राकांपा गठजोड़ को हराया नहीं जा सकता क्योंकि मनसे चुनावों में भाजपा और शिवसेना के वोट काट रही है.
मुंडे ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ.साथ मनसे के भी राजग में शामिल होने से फायदा मिलेगा. पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी इसपर अपना समर्थन जताया था और इसपर विवाद खड़ा हो गया था.
भाजपा के कुछ नेताओं के साथ ही शिवसेना ने भी मुंडे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया की थी. मुंडे ने आज कहा, ‘मतों के विभाजन को रोकने के लिए मनसे से तालमेल जरूरी है. लेकिन शिवसेना-भाजपा गठबंधन दृढ़ता से अपनी जगह है और हमारा 22 साल पुराना गठबंधन बना रहेगा.’ उन्होंने कहा कि उनके बयान में किसी तरह का कोई विरोधाभास नहीं है. इस तरह के गठजोड़ के लिए केवल प्रयास किया जा रहा है.{mospagebreak}
उन्होंने यह भी कहा, ‘लेकिन मनसे ने हां नहीं कही है और शिवसेना ने भी हामी नहीं भरी है.’ भाजपा का मानना है कि महाराष्ट्र में मनसे उनके सात प्रतिशत तक वोटों को काट रही है. पार्टी ने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे मनसे के कारण 43 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. यदि मनसे गठबंधन में होती तो उसकी 13 सीटें भी साथ में होतीं.
मुंडे ने कहा कि जिस तरह आपातकाल के बाद कांग्रेस को हराने के लिए माकपा और जनसंघ साथ में आये थे, ठीक उसी तरह शिवसेना और मनसे को मिलाकर भाजपा गठबंधन बना सकती है.