मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता की एक टिप्पणी पर दोनों पक्षों के विधायक सदन के बीचोबीच आ गए और मारपीट की नौबत आ गई.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. कांग्रेस ने गृह मंत्री को पद से हटाने की मांग की है.
विधानसभा में प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था पर कांग्रेस के उपनेता चौधरी राकेश सिंह वक्तव्य दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने भिण्ड में वैश्य समाज के एक सम्मेलन में गृह मंत्री गुप्ता द्वारा दिए गए बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अगर वैश्य समाज एक हो जाए तो उनके समाज का व्यक्ति मुख्यमंत्री बन सकता है. चौधरी का दावा है कि उनके पास गुप्ता के बयान वाली सीडी भी है. चौधरी के यह कहने पर गुप्ता भड़क उठे.
सूत्रों के मुताबिक गुप्ता ने चौधरी को चुनौती दी और अपशब्द कहे. इस पर चौधरी अपनी सीट छोड़कर गुप्ता की ओर दौड़ पड़े. हालात ऐसे बने कि मंत्री व विधायक के बीच हाथापाई तक हो सकती थी. माहौल बिगड़ते देख सदन में मौजूद विधायकों ने दोनों को रोका.
विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने दोनों विधायकों के बीच वार्तालाप को सदन की कार्यवाही से हटा दिया है. वहीं उपनेता चौधरी का कहना है कि गुप्ता ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया था, जिसे सुनते ही किसी को भी आवेश आ सकता है. लिहाजा, उन्हें भी ऐसा ही हुआ. उधर, गृह मंत्री गुप्ता का कहना है कि उन्होंने सदन में जो कहा, वह क्रिया की प्रतिक्रिया मात्र थी.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का स्तर गिरता जा रहा है जो दुखद है.' भाजपा के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया व कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह ने विधानसभा में जो कुछ हुआ, उसे दुखद और संसदीय परंपरा के खिलाफ बताया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सदन में गृह मंत्री गुप्ता द्वारा चौधरी के साथ किए गए अशोभनीय आचरण की तीखी भर्त्सना की है.
उन्होंने कहा है कि असफलताओं से बौखलाए गृह मंत्री विपक्ष के तीखे आरोपों को सहन नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए आपा खो बैठे हैं और भाषा पर उनका नियंत्रण नहीं रहा है. कांग्रेस विधायक दल की मांग है कि गुप्ता को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए.