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इंदौर में इंफोसिस, टीसीएस को जमीन आवंटित होगी

मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने के लिए सॉफ्टवेयर कम्पनियों इंफोसिस व टीसीएस को रियायती दर पर सुपर कॉरीडोर में 100-100 एकड़ जमीन दी जाएगी. यह निर्णय मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया.

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मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने के लिए सॉफ्टवेयर कम्पनियों इंफोसिस व टीसीएस को रियायती दर पर सुपर कॉरीडोर में 100-100 एकड़ जमीन दी जाएगी. यह निर्णय मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन्फोसिस और टीसीएस को जमीन आवंटित करने के लिये सूचना प्रौद्योगिक विभाग को अधिकार प्रदान करने की सैद्घांतिक सहमति दी गई है. यह जमीन 20 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से आवंटित की जाएगी.

सूचना प्रौद्योगिकी नीति के तहत दोनों कम्पनियों को रियायती दर पर भूमि आवंटन के कारण इन्दौर विकास प्राधिकरण को होने वाली क्षति की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी. क्षति का मूल्यांकन राज्य सरकार करेगी.

दोनों कम्पनियों को जमीन इस शर्त पर दी जाएगी कि वे प्रति एकड़ 100 इंजीनियरों को अनिवार्य रूप से रोजगार उपलब्ध कराएगी. ये कम्पनियां 50 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को देंगी.

कम्पनियों द्वारा इन भूमियों पर विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाया जाएगा, जिसमें सॉफ्टवेयर निर्यात तथा सूचना प्रौद्योगिकी आधारित कम्पनियों की स्थापना की जाएगी. इन कम्पनियों में न्यूनतम 20 हजार इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा. इसके अतिरिक्त अन्य सहायक रोजगार भी निर्मित होंगे.

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मंत्री परिषद ने छिन्दवाड़ा जिले की पेंच डायवर्जन परियोजना के तहत किसानों को वर्ष 2011-12 की कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर 30 प्रतिशत धनराशि के हिसाब से मुआवजा देने का निर्णय लिया.

जिन किसानों की भूमि का अर्जन पूर्व में किया गया है अथवा प्रक्रियाधीन है उन सभी को इसका लाभ मिलेगा. डूब क्षेत्र के लिए मंजूर राशि को 198 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 301 करोड़ रुपये किया गया. इससे डूब क्षेत्र के 30 गांव के किसानों को लाभ मिलेगा, जिनकी रोजी-रोटी प्रभावित हुई है.

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