मध्यप्रदेश में पुरुषों पर एड्स का अपेक्षाकृत बड़ा खतरा बरकरार है. गुजरे छह साल के दौरान प्रदेश में एड्स के 19,362 मरीज मिले, जिनमें लगभग 65 फीसद पुरुष हैं. जानकारों का कहना है कि इस रुझान की सबसे बड़ी वजह असुरक्षित यौन संबंध हैं.
मध्यप्रदेश एड्स नियंत्रण समिति के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2005 से 2010 के बीच प्रदेश में 8,90,984 लोगों के नमूनों की जांच की गयी, जिनमें से कुल 19,362 लोग एचआईवी पॉजीटिव पाये गये. इनमें 12,011 पुरुष और 7,351 महिलाएं थीं.
उन्होंने बताया कि छह साल की अवधि में कुल 2,61,750 पुरुषों की एड्स जांच की गयी, जबकि इस मामले में महिलाओं की संख्या 6,29,234 थी.
यानी प्रदेश में जांच कराने वाली हर सौ महिलाओं में से दो में एड्स की पुष्टि हुई, जबकि प्रत्येक सौ पुरुषों में करीब पांच इस बीमारी के विषाणु से संक्रमित मिले.
देश में इंदौर की गिनती एड्स के फैलाव के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में होती है. शहर के सरकारी महाराजा यशवंतराव अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. एस. शर्मा ने बताया, ‘वैश्विक तौर पर भी यही रुझान सामने आता है कि एड्स संक्रमण का शिकार होने के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से कहीं अधिक है.{mospagebreak} इसकी वजह यह है कि पुरुषों में एक से ज्यादा साथी के साथ यौन संबंध रखने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है.’ उन्होंने बताया कि प्रदेश में असुरक्षित यौन संबंध पुरुषों में एड्स के फैलाव का सबसे बड़ा कारण है.
शर्मा ने हालांकि कहा, ‘एड्स को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है और हमारे पास इस बीमारी के मरीज पहले के मुकाबले कम बिगड़ी हालत में पहुंच रहे हैं.’ मध्यप्रदेश एड्स नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एड्स के वर्ष 2005 में 1,759, वर्ष 2006 में 2,119, वर्ष 2007 में 3,270, वर्ष 2008 में 3,407, वर्ष 2009 में 4,449 और वर्ष 2010 में 4,358 मामलों की पुष्टि हुई. प्रदेश में एड्स का पहला मामला वर्ष 1988 में सामने आया था.