कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की चिटफंड कंपनियों में राज्य के अनेक मंत्रियों का पैसा लगा हुआ है.
द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के सानिध्य में मां राज राजेश्वरी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने आये सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के मंत्री अपनी काली कमाई को इन चिटफंड कंपनियों के माध्यम से सफेद करना चाहते हैं.
एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि मुस्लिम समुदाय के लोग तालीम ग्रहण कर सकें और यही कारण है कि वह प्रदेश में सच्चर कमेटी की सिफारिशें को लागू नहीं करना चाहती. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि एक ओर भाजपा जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानती है और दूसरी ओर वहां के छात्रों को मध्यप्रदेश में परेशान किया जाता है.
उन्होंने भाजपा पर अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यही कारण है कि उच्च न्यायालय को इस बारे में निर्देश देने पड़ते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर संत आसाराम बापू द्वारा किये गये हमलों के संबंध में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि आसाराम बापू के बारे में सब जानते हैं.
उन्होंने कहा कि आसाराम, संत की ही तरह रहें अन्यथा कांग्रेस भी जवाब देना जानती है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की पद यात्रा को नौटंकी करार दिये जाने संबंधी सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा मिलकर राजनीति करती हैं.
कांग्रेस के 30-35 नेताओं के भाजपा में शामिल होने के इच्छुक होने संबन्धी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि उनके पास भी भाजपा के 50 नेताओं की सूची है जो कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में राज्य विधान सभा के चुनावों के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा या बसपा से कोई समझौता नहीं करेगी बल्कि वहां क्षेत्रीय दलों से समझौता किया जा सकता है.