मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हैं सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन. राज्य के लगभग 86.7 प्रतिशत यात्री सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर प्रति हजार व्यक्तियों पर 68 वाहन हैं, वहीं मध्य प्रदेश में यह औसत 80 वाहन प्रति हजार व्यक्ति है.
बढ़ते वाहनों के साथ दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है, इसीलिए राज्य में यातायात संचालनालय के गठन की तैयारी है. यातायात पुलिस और यातायात संचालनालय गठन की तैयारियों की समीक्षा के लिए गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता की मौजदगी में हुई बैठक में विभिन्न मुददों पर चर्चा की गई.
इस मौके पर गुप्ता ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यातायात प्रदेश में महानगरों का भ्रमण कर वहां सुव्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपाय करें. प्रदेश में यातायात को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से ही यातायात संचालनालय का गठन किया जा रहा है. आने वाले समय में यातायात पुलिस को प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा.
गृह मंत्री ने कहा कि शहरों में यातायात व्यवस्थित करने के लिए एऩ.सी.सी, स्काउट और एन.जी. ओ. क की भी मदद ली जाए. उन्होंने कहा कि जिलों में व्यापारिक संगठनों से चर्चा कर उनसे भी सहयोग लिया जा सकता है. शहर में यातायात का अधिक दबाव वाले चौराहों को चिन्हित कर वहां अधिक पुलिस बल तैनात किया जाये. राज्य में सड़क यातायात का लगातार दबाव बढ़ रहा है.
बीते चार वर्षों की स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पंजीकृत होने वाले वाहनों की संख्या दोगुना हो गई है. वर्ष 2006-07 में 4 लाख 23 हजार 184 वाहन पंजीकृत हुए वहीं वर्ष 2010-11 में यह संख्या 8 लाख 13 हजार 628 वाहन रही. यातायात संचालनालय के नेशनल एवं स्टेट हाइवे एवं अन्य सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का संकलन एवं विश्लेषण करने के साथ दुर्घटना सम्भावित स्थलों की पहचान कर उन्हें रोकने के उपाय करना.
सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत समस्त जिलों को क्रेन एवं एम्बुलेंस का वितरण किया जाएगा, हाइवे पेट्रोलिंग की मॉनीटरिंग की जाएगी. सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक की मॉनीटरिंग भी संचालनालय द्वारा की जाएगी. ठसके अलावा संचालनालय की जिम्मेदारी रहेगी कि वह विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों को यातायात प्रशिक्षण देना और अन्य विभागों से समन्वय कर यातायात सुरक्षा संबंधी उपायों का क्रियान्वयन कराए.