महाराष्ट्र के गृह विभाग ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में जीवित एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की राष्ट्रपति को भजी गयी दया याचिका पर असहमति जतायी है. अपनी जान बचाने के लिए कसाब ने आखिरी उम्मीद के रूप में राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है.
मुख्यमंत्री केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेंगे याचिका
गृह विभाग के सू़त्रों ने कहा, 'गृह मंत्रालय ने कसाब की याचिका को खारिज कर दिया है और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा है.' नियमों के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय अब इस दया याचिका को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगा और केंद्रीय गृह मंत्रालय अपनी सिफारिशों के साथ इसे राष्ट्रपति भवन भेजेगा.
कसाब को जल्द फांसी देने की मांग
देश में कई वर्गों की ओर से शीर्ष न्यायालय के फैसले पर तेजी से अमल करने की मांग की जा रही है जिसमें कसाब की मौत की सजा को बरकरार रखा गया है. शिवसेना ने हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से कसाब की दया याचिका खारिज करने की मांग की थी.
गौरतलब है कि करीब चार वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई के बाद 29 अगस्त को देश के सुप्रीम कोर्ट ने 25 वर्षीय कसाब की 26/11 आतंकी हमला मामले में मौत की सजा को बरकरार रखा था.