महाराष्ट्र भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है. इसकी राजधानी मुंबई देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है और यहां का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों मे गिना जाता है. पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर है. महाराष्ट्रा राज्य की स्थापना 1 मई, 1960 को मराठी भाषी लोगों की मांग पर की गयी थी. पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापुर, नासिक और नागपुर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं. यहां काफी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं.
महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में पंढरपुर, नासिक, शिरडी, नांदेड, औधागानाथ, त्र्यम्बकेश्वर, तुलजापुर, गणपतिपुले, भीमशंकर, हरिहरेश्वर, कोल्हापुर, अंबजोगाई और शेगांव हैं. अजंता, एलोरा, एलिफेंटा, कन्हेरी और कारला गुफांए यहां के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल केन्द्र हैं और महाबलेश्वर, माथेरन और पंचगनी, जवाहर, माल शेलघाट, माथेरन, चिकलधारा और पन्हाला दर्शनीय स्थल हैं. इसके अलावा यहां संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान भी देखने लायक जगहों में से एक हैं.
घूमने के लिए शहर
1. अमरावती-महाराष्ट्र के उत्तर पूर्व दिशा में स्थित अमरावती देवताओं के राजा इन्द्र का शहर माना जाता है. अनेक ऐतिहासिक मंदिर और अभ्यारण्य इस नगर के खास पर्यटन स्थल हैं. यहां का देवी अंबा, भगवान श्रीकृष्ण और वेंकटेश्वर मंदिर पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हैं. अमरावती की बीर और शक्कर झील काफी चर्चित हैं. अमरावती जिले के चीकलधारा और धरनी तहसील में स्थित यह टाईगर रिजर्व 1597 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है.
कैसे जाएं
अमरावती पहुंचने के लिए नागपुर निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग 155 किमी. की दूरी पर है. इसके अलावा बदनेरा रेलवे स्टेशन अमरावती का नजदीकी रेलवे स्टेशन है.
2. नासिक
नासिक को नासहिक के नाम से भी जाना जाता है. नासिक महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह शहर प्रमुख रूप से हिन्दू तीर्थयात्रियों का प्रमुख केन्द्र है. नासिक में लगने वाला कुंभ मेला शहर के आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र है. अनगिनत श्रद्धालु इस मेले में आते हैं.
नासिक में घूमने की जगहों में पंचवटी नासिक के उत्तरी भाग में स्थित है. माना जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ कुछ समय के लिए पंचवटी में रहे थे सोमेश्वर मंदिर नासिक में स्थित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में महादेव सोमेश्वर की प्रतिमा स्थापित है. ये मंदिर गंगापुर रोड़ पर स्थित है. नासिक शहर से इस मंदिर की दूरी लगभग 6 कि.मी है. भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगों में श्री त्र्यंबकेश्वर का दसवां स्थान है.
महाराष्ट्र में नासिक शहर से 35 किमी दूर गौतमी नदी के तट पर स्थित यह दिव्य स्थान ब्रह्मगिरि से सटा है. समुद्रतट से ढाई हजार फुट की ऊंचाई पर बसे त्रयंबक शहर.
कैसे जाएं- नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट- मुम्बई, नासिक शहर से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर.
3. पुणे
पुणे को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है. इसे क्वीन ऑफ द दक्कन के नाम से भी जाना जाता है. पुणे में शनिवारवाड़ा महल है जो पेशवा का निवास स्थान था. इस महल की नींव बाजीराव प्रथम ने 1730 ई. में रखी थी. इस महल का निर्माण कार्य 1732 ई. में पूरा हुआ. इसके अलावा यहां आगाखान महल भी है. इस महल का निर्माण 1892 में इमाम सुल्तान मोहम्मद शाह आगाखान तृतीय ने करवाया था. 1969 में आगाखान चतुर्थ ने यह महल भारत सरकार को सौंप दिया.
कोणार्क
पुणे के समीप स्थित, अम्बोरसिया से आगे और पशान से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर येखूबसूरत पक्षी अभ्यारण्य है.
घूमने का समय- अक्टूबर से मई
कैसे जाएं
लोहेगांव एयरपोर्ट से पुणे शहर की दूरी 12 किलोमीटर है. पुणे की ओर जाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प इंद्रायानी एक्सप्रेस है. इसके अतिरिक्त दक्कन क्वीन, दक्कन एक्सप्रेस और शताब्दी रोजाना पुणे और मुम्बई के बीच चलती है.
4. मुम्बई
मुम्बई को पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था. भारत के चार प्रमुख महानगरों में से एक होने के साथ-साथ यह महाराष्ट्र राज्य की राजधानी भी है. मुम्बई शहर को भारत की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है. यहां देश के प्रमुख वित्तीय और संचार केन्द्र हैं.
मुंबई की घूमने की जगहों में जूहू बीच मुम्बई का सबसे प्रसिद्ध बीच है. यह बीच पिकनिक स्थल के रूप में भी काफी प्रसिद्ध है. यह बीच बहुत ही बड़ा है, जो सेंटाक्रूज से लेकर विले-पार्ले तक फैला हुआ है.
हाजी अली- हाजी अली एक मस्जिद है. यहां पर एक मुस्लिम संत की समाधि है. यह स्थान अरब सागर के तट पर बने महालक्ष्मी मंदिर के समीप स्थित है. हाजी अली में हर धर्म, हर मजहब के लोग आते हैं.
गेटवे आफॅ इंडिया मुम्बई का बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है. यह अपोलो बंदर के समीप स्थित है. इसकी रूपरेखा जॉर्ज विटेट ने तैयार की थी. 1911 में किंग जार्ज और क्वीन मैरी के मुंबई पहुंचने के यादगार के रूप में इसे बनाया गया था.
जोगेश्वरी गुफा- यह गुफा 1500 साल पुरानी है. इस गुफा तक पहुंचने के लिए चर्च गेट से 45 मिनट की यात्रा करनी होती है. जोगेश्वरी गुफा मंदिर में विशाल केंद्रीय हॉल भी है. इसके अतिरिक्त हनुमान, देवी माता, जोगेश्वरी और गणेशजी की मूर्तियां भी यहां स्थित हैं.
हैंगिंग गार्डन- हैंगिंग गार्डन को फिरोजशाह मेहता गार्डन के नाम से भी जाना जाता है. यह गार्डन तीन जलाशय के ऊपर बना हुआ है.
कैसे जाएं
मुम्बई में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डा है. इन दोनों हवाई अड्डों के नाम क्षत्रपति शिवाजी है. अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल सहार में स्थित है.
रेल मार्ग- मुम्बई में लोकमान्य तिलक टर्मिनल और दादर स्टेशन है. सीएसटी मुख्य स्टेशन है.
5. रत्नागिरी
समुद्र से घिरा बाल गंगाधर तिलक का यह जन्मस्थान भारत के महाराष्ट्र राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग में अरब सागर के तट पर स्थित है. यह कोंकण क्षेत्र का ही एक भाग है. यहां बहुत लंबा समुद्र तट है. यहां कई बंदरगाह भी हैं.
रत्नागिरी में दो विशाल बौद्ध मठ थे. मठ के अतिरिक्त यहां से छ: मंदिर, हजारों छोटे स्तूप, 1386 मुहरें, असंख्य मूर्तियां आदि के अवशेष मिले हैं.
थीवा महल: इस महल का निर्माण 1910-11 ई. में हुआ था. देश निकाला की सजा के बाद बर्मा (अब म्यांमार) के राजा और रानी इसी महल में रहे थे. उन्होंने लगभग पांच साल तक अपना समय यहां बिताया.
रत्नागिरी किला: इस किले का निर्माण बहमनी काल में हुआ था. यह बाद में आदिल शाह के कब्जे में आ गया. 1670 ई. में शिवाजी ने इस किले पर कब्जा कर लिया. 1761 ई. तक इस किले पर सदाशिव राव भाऊ का अधिकार था.
कब जाएं: बरसात और जाड़े के मौसम में यहां जाना चाहिए.
कैसे जाएं
रत्नागिरी में रेलवे जंक्शन है. यहां आने का सबसे बढिया ट्रेन कोंकण कन्या एक्सप्रेस है. यह ट्रेन मुंबई से खुल कर रत्नागिरी को जाती है.
सड़क मार्ग: रत्नागिरी के लिए मुंबई से सीधी बस सेवा है. मुंबई सेंट्रल, बोरीबली तथा परेल से रत्नागिरी के लिए बसें खुलती है.
6.लोनावाला
लोनावाला महाराष्ट्र का एक हिल स्टेशन है. इसे सहयाद्रि पहाडियों के मणि के नाम से भी जाना जाता है. इसे स्वास्थ्यवर्धक पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है. ये समुद्र तल से 625 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसे मुंबई और पूना का प्रवेश द्वार भी माना जाता है.
वुड पार्क लोनावाला के मुख्य बाजार के ठीक पीछे स्थित है. यह एक जैविक उद्यान है. इस पार्क के विपरीत दिशा में एक पुराना ईसाई कब्रिस्तान है. इसकी बहुत सी कब्र सौ साल पुरानी है.
ड्यूक नोज का नाम एक ब्रिटिश गर्वनर के नाम पर पड़ा. ड्यूक नोज के शिखर को स्थानीय लोग' नागफनी' के नाम से पुकारते हैं. खंडाला स्टेशन से इसके शिखर पर आसानी से पैदल चढ़ा जा सकता है.
कैसे जाएं- लोनावाला का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पुणे है. ये लोनावाला से 64 किलोमीटर की दूरी पर है. लोनावाला में रेलवे स्टेशन है.
7.औरंगाबाद
औरंगाबाद विश्व में अजन्ता और एलोरा की प्रसिद्ध बौद्ध गुफाओं के लिए जाना जाता है. इन गुफाओं का निर्माण 200 ईसा पूर्व से लेकर 650 ई. तक हुआ. इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर लिया गया है. मध्यकाल में औरंगाबाद भारत में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता था. औरंगजेब ने अपने जीवन का उत्तरार्द्ध यहीं व्यतीत किया था और यहीं औरंगजेब की मृत्यु भी हुई थी. औरंगजेब की पत्नी रबिया दुरानी का मकबरा भी यही हैं.
पनचक्की
पनचक्की का निर्माण राजा मलिक अंबर ने करवाया था. इस पनचक्की में पानी 6 किलोमीटर की दूरी से मिट्टी के पाइप से आता था. इसके चैंबर में लोहे का पंखा घूमता था जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती थी. इस ऊर्जा का उपयोग आटा के मिल को चलाने में किया जाता था.
औरंगाबाद की गुफाएं
औरंगाबाद की गुफाएं शहर से कई किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित हैं. इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी की गई है. यहां कुल दस गुफाएं हैं जो कि पूर्व और पश्चिमी भाग में बंटा हुआ है. इन गुफाओं में चौथी गुफा सबसे पुरानी है.
दौलताबाद
दौलताबाद को देवगिरि के नाम से भी जाना जाता है. दौलताबाद में बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें हैं जिन्हें जरूर देखना चाहिए. इन इमारतों में जामा मस्जिद, चांद मीनार तथा चीनी महल शामिल हैं.
अजन्ता और एलोरा
अजन्ता गुफा की खोज अंग्रेज जॉन स्मिथ ने 19वीं शताब्दी में की थी. ये गुफाएं चारकोलिथ पत्थरों की बनी हुई हैं. इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी की गई है. ये चित्र अभी सुरक्षित अवस्था में हैं. अजन्ता के समान एलोरा की गुफाएं भी महत्वपूर्ण हैं. लेकिन इन गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी नहीं मिलती है. इन गुफाओं में मुख्यत: हिंदू धर्म से संबंधित चित्रकारी की गई है. यहां रामायण और महाभारत से संबंधित चित्र मिलते हैं. एलोरा का संबंध शिवाजी से भी है. यह शिवाजी का पैतृक स्थान है. शिवाजी के दादाजी मालोजी भोंसले वेरुल गांव (जोकि अब ऐलोरा के नाम से जाना जाता है) में रहते थे.
दूसरे ट्रेवल टिप्स
अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो घर से निकलते वक्त इन चीजों को रखना ना भूलें.
अपने साथ ट्रैवल वॉलेट जरूर रखें. इसमें आप कैश और दूसरे जरूरी डॉक्युमेंट्स रख सकते हैं, इस बात का ध्यान रखें कि ट्रैवल डॉक्युमेंट्स जैसे पासपोर्ट, वीजा, टिकट, हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, डेबिट कार्ड्स व क्रेडिट कार्ड्स अलग-अलग पॉकेट में रखें.
मेडिकल किट
एडवेंचर ट्रिप में चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में आप अपने साथ मेडिकल किट जरूर रखें.
गाइड बुक
आप जहां घूमने जा रहे हैं, वहां की गाइड बुक अपने साथ जरूर रखें। इससे आपको डेस्टिनेशन ढूंढने में परेशानी नहीं होगी और आप ट्रिप भी एंजॉय कर सकेंगे.