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लोकपाल मसौदा विधेयक के मुख्य बिंदु

चार दशक से भी अधिक समय के इंतजार के बाद मूर्त रूप लेने जा रहे लोकपाल विधेयक के मसौदे के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं.

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अंबिका सोनी
अंबिका सोनी

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चार दशक से भी अधिक समय के इंतजार के बाद मूर्त रूप लेने जा रहे लोकपाल विधेयक के मसौदे के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. प्रधानमंत्री और न्यायपालिका लोकपाल के दायरे में नहीं रहेंगे.
2. प्रधानमंत्री पदमुक्त होने के बाद लोकपाल के दायरे में आयेंगे.
3. पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार की कोई भी शिकायत सात साल तक मान्य रहेगी. शिकायत मिलने के सात वर्ष के भीतर अगर वह पदमुक्त होते हैं तो उनके खिलाफ जांच शुरू हो सकेगी.
4. संसद के भीतर सांसदों के आचरण को भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है.
5. लोकपाल में एक अध्यक्ष और आठ अन्य सदस्य होंगे. इसके आधे सदस्य न्यायपालिका से होंगे.
6. लोकपाल को पदमुक्त होने के बाद कभी भी किसी भी दल से चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा.
7. उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के कोई सेवारत या सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को लोकपाल का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
8. लोकपाल के सदस्य के रूप में नियुक्त होने वाले गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिये पूरी तरह ईमानदार होना और प्रशासन में भ्रष्टाचार निरोधी निगरानी के काम का कम से कम 25 वर्ष का अनुभव होना जरूरी होगा.
9. लोकपाल को स्वत: संज्ञान के आधार पर निर्णय करने के अधिकार होंगे.
10. लोकपाल की निष्पक्षता बनाये रखने के लिये इसके सदस्यों में किसी भी राजनीतिक दल के लोगों को शामिल नहीं किया जायेगा.
11. लोकपाल का चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति करेगी. इस समिति में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सभापति, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, कैबिनेट के एक सदस्य और उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के एक-एक न्यायाधीश शामिल रहेंगे.
12. लोकपाल को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही होगा. राष्ट्रपति की ओर से प्रधान न्यायाधीश को सिफारिश के लिये मामला भेजा जायेगा. अंतिम फैसला राष्ट्रपति का ही होगा.
13. लोकपाल को अपने कर्मचारियों-अधिकारियों का चयन करने के अधिकार होंगे.

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14. लोकपाल के अधीन सीबीआई को नहीं रखा जायेगा लेकिन वह सीबीआई के अधिकारियों की सेवाएं ले सकेगा.
15. लोकपाल को भविष्य में अभियोजन चल सकने वाले मामलों की जांच के लिये आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता और भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी.
16. लोकपाल को भ्रष्ट नौकरशाहों की संपत्ति जब्त करने का भी अधिकार होगा.
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