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भ्रष्‍टाचार पर लोकपाल काफी नहीं: राहुल गांधी

भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लोकपाल विधेयक लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पक्ष द्वारा सरकार और संसद पर बनाए जा रहे जबरदस्त दबाव के बीच कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आगाह किया कि संसद की सर्वोच्चता पर किसी भी प्रकार की आंच आना लोकतंत्र के लिए खतरनाक होगा.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

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भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लोकपाल विधेयक लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पक्ष द्वारा सरकार और संसद पर बनाए जा रहे जबरदस्त दबाव के बीच कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आगाह किया कि संसद की सर्वोच्चता पर किसी भी प्रकार की आंच आना लोकतंत्र के लिए खतरनाक होगा.

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लोकसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्ष के भारी शोरशराबे और टोकाटोकी के बीच राहुल गांधी ने हजारे पक्ष पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि व्यक्तियों के रूप में लोगों ने देश को महान योगदान किए हैं. उन्होंने देश की आजादी और विकास के लिए लोगों को गोलबंद किया लेकिन व्यक्तिगत फरमान को, भले ही उनका इरादा कितना ही नेक क्यों न हो, लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर नहीं करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया अक्सर बहुत लंबी और परेशान करने वाली होती है लेकिन ऐसा इसलिए है ताकि ये समग्र और न्यायोचित हो. यह एक प्रतिनिधित्व वाला और पारदर्शी मंच उपलब्ध कराती है जहां विचार कानून में बदलते हैं.

सत्ता पक्ष के जबरदस्त समर्थन और विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच राहुल गांधी ने कहा कि संसद की सर्वोच्चता की रक्षा के लिए स्थापित नियंत्रण एवं संतुलन की व्यवस्था में निर्वाचित सरकार के तंत्र से भिन्न कोई चतुराई भरी घुसपैठ लोकतंत्र के लिए खतरनाक परंपरा साबित होगी.

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सदन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सदन के नेता प्रणव मुखर्जी, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और स्पीकर दीर्घा में मौजूद प्रियंका गांधी की मौजूदगी में राहुल ने ललकारते हुए कहा कि आज प्रस्तावित कानून भ्रष्टाचार के विरूद्ध है. कल ये निशाना किसी और चीज पर हो सकता है. यह हमारे समाज के बहुलवाद और लोकतंत्र को निशाना बना सकता है.

कांग्रेस की ‘यंग ब्रिगेड’ से घिरे राहुल ने अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक से एक कदम आगे जाते हुए सुझाव दिया कि क्यों न लोकपाल को भारतीय निर्वाचन आयोग की तरह, संसद को जवाबदेह संवैधानिक ईकाई जैसा बना दिया जाए. मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि जब हम इस विचार पर गंभीरता से मंथन करें.

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उन्होंने अपने सुझाव के साथ ही कहा कि हम कानूनी लोकपाल की बात कर रहे हैं लेकिन हमारी बहस लोकपाल की जनता के प्रति जवाबदेही और इसके खुद के भ्रष्ट होने के खतरे के बिंदु पर आकर थम जाती है.

राहुल ने कहा कि कानून और संस्थान अपने आप में काफी नहीं है. भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए प्रतिनिधित्वकारी, समावेशी और सुगम पहुंच वाले लोकतंत्र की जरूरत है. राहुल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से मैं बेहद दुखी हूं. हालात के कई पहलुओं से मुझे गहरी पीड़ा हुई है.

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विपक्ष के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और अनंत कुमार सहित भाजपा के लगभग सभी सदस्यों की भारी टोकाटाकी के बीच कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मैडम स्पीकर, हम केवल चाहने भर से अपने जीवन से भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं कर सकते हैं. इसके लिए एक व्यापक कार्रवाई की रूपरेखा और सतत राजनीतिक कार्यक्रम की जरूरत होगी जिसे शासन के उच्च से लेकर निचले, हर स्तर का समर्थन प्राप्त हो. इससे भी ज्यादा इसे राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि भ्रष्टाचार चारों ओर है. यह हर स्तर पर मौजूद है. गरीबों पर इसका सबसे ज्यादा बोझ है और हर भारतीय इससे निजात पाना चाहता है.

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विशेष कवरेज

राहुल ने कहा कि एक प्रभावकारी लोकपाल कानूनी तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का माध्यम है किन्तु सिर्फ लोकपाल भ्रष्टाचारहीन आचरण के लिए पर्याप्त विकल्प नहीं है. कई प्रभावकारी कानूनों की जरूरत है. ऐसे कानून जो कि कुछ जरूरी मसलों को लोकपाल के साथ ही साथ संबोधित करें.

भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकपाल के साथ उन्होंने जिन अन्य कानूनों का सुझाव दिया वे इस प्रकार हैं. पहले सुझाव के तहत उन्होंने कहा कि चुनाव और राजनीतिक दलों को सरकार की ओर से वित्त पोषण, दूसरा सुझाव, सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता , तीसरा सुझाव, भूमि एवं खनन जैसे मामलों का सही नियमन, जिसके अभाव में भ्रष्टाचार पनप रहा है. चौथा न्यूनतम समर्थन मूल्य, राशनकार्ड और वृद्धावस्था पेंशन जैसे सार्वजनिक वितरण सेवाओं में समस्या निवारण की प्रक्रिया के लिए एक व्यापक तंत्र बनाना तथा अंतिम सुझाव के रूप में कर चोरी से छुटकारे के लिए निरंतर कर प्रणाली में सुधार करना शामिल है.

भ्रष्टाचार से लड़ाई के हजारे के तरीके से परोक्ष असहमति जताने के साथ ही राहुल ने इस बात को स्वीकार किया कि चारों ओर देश में जो भ्रष्टाचार फैला है, उसके प्रति उपजे रोष को अन्ना जी ने आवाज दी है. मैं इसके लिए उनका धन्यवाद करता हूं.

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राहुल ने हालांकि अन्ना के आंदोलन पर सवाल सा उठाते हुए कहा कि पिछले दिनों की घटनाओं का साक्षी होने पर कदाचित ऐसा प्रतीत होता है कि एक कानून के बन जाने से जैसे पूरे समाज से भ्रष्टाचार मिट जाएगा. मुझे इस बात पर गहरा संदेह है.

उन्होंने कहा कि एक प्रभावकारी लोकपाल कानूनी तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का माध्यम है लेकिन सिर्फ लोकपाल भ्रष्टाचारहीन आचरण के लिए पर्याप्त विकल्प नहीं है.

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