उड़ीसा के मलकानगिरी के जिलाधिकारी आर विनील कृष्णा को नौ दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद गुरुवार को माओवादियों ने उन्हें रिहा कर दिया जिससे राज्य में नौ दिनों से जारी बंधक संकट खत्म हो गया है.
चित्रकोंडा के तहसीलदार डी गोपालकृष्णन ने कहा कि कृष्णा को गुरुवार शाम माओवादियों ने रिहा कर दिया. वह मलकानगिरी स्थित अपने आवास की ओर आ रहे हैं जो उस जगह से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर है जहां उन्हें रिहा किया गया.
आईआईटी से स्नातक करने के बाद आईएएस बने 30 वर्षीय कृष्णा को उनके अपहरणकर्ताओं ने एक ‘लोक अदालत’ के सामने रिहा किया. उन्हें जनतापाई इलाके के एक जंगल क्षेत्र में छोड़ा गया. चश्मदीदों के मुताबिक, जिस जगह पर उन्हें छोड़ा गया वहां से कुछ ही दूरी पर कनिष्ठ अभियंता पवित्र मांझी के साथ कृष्णा को बीती 16 फरवरी को अगवा कर लिया गया था. {mospagebreak}
22 वर्षीय मांझी को एक दिन पहले ही रिहा कर दिया गया था. टीवी फुटेज में कृष्णा को एक धारीदार कमीज और नीले रंग की पैंट पहने दिखाया गया है. वह एक बड़े पत्थर पर अपने हाथों को मोढ़कर बैठे हैं और ऐसा लग रहा है कि अच्छी सेहत में हैं. वह एक अज्ञात व्यक्ति से ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे हैं. मलकानगिरी भुवनेश्वर से 650 किलोमीटर की दूरी पर है.
कृष्णा को एक थाली से कुछ खाते हुए भी दिखाया गया. चित्रकोंडा के प्रभारी इंस्पेक्टर राजेश क्षत्रिय ने कहा कि कृष्णा को जनतापाई इलाके में छोड़ा गया. बंधक संकट खत्म होने के बाद माओवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले स्वामी अग्निवेश ने कहा ‘यह एक सुखद अंत है. यह एक सकारात्मक अंत है.’
गौरतलब है कि इस पूरे में मामले में बुधवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया था जब माओवादियों ने अपनी ताजा मांगें रखकर इस बात पर संशय पैदा कर दिया था कि वे अपने वादे का सम्मान करेंगे या नहीं. माओवादियों ने वादा किया था कि वे 48 घंटे के भीतर दोनों बंधकों को रिहा कर देंगे. माओवादियों की नयी मांग यह थी कि पांच नक्सल नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए. {mospagebreak}
उड़ीसा सरकार ने पहले ही माओवादियों की सभी 14 मांगें मान ली थीं. माओवादियों द्वारा चुने गए मध्यस्थों में से एक प्रोफेसर हरगोपाल ने माओवादियों से अपील की थी कि कृष्णा को गुरुवार शाम छह बजे तक रिहा कर दिया जाए.
हरगोपाल ने कहा कि माओवादियों ने कभी भी कृष्णा की हत्या की धमकी नहीं दी. वार्ताकार प्रोफेसर आर सोमेश्वर राव ने कहा कि कृष्णा की रिहाई के लिए उड़ीसा सरकार और मध्यस्थों के बीच बातचीत खत्म हो गयी है. कृष्णा की रिहाई के प्रयास सघन करते हुए मध्यस्थ हेलीकॉप्टर से कोरापुट गए ताकि माओवादियों से बात की जा सके.
मध्यस्थों के मलकानगिरी से सटे कोरापुट, जो माओवादियों का गढ़ माना जाता है, रवाना होने पर राज्य के पंचायती राज सचिव एस एन त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा, ‘वार्ताकार हेलीकॉप्टर से कोरापुट जा रहे हैं.’ आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो मध्यस्थ कोरापुट से मलकानगिरी भी जा सकते हैं ताकि माओवादियों की ओर से की गयी मांग के अनुसार वह माओवाद प्रभावित जिले में मौजूद रहें. प्रस्थान से पहले मध्यस्थों ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की थी जिसमें आईएएस अधिकारी की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया.