डीजल की कीमतों में वृद्धि, रसोई गैस सिलेंडर की राशनिंग के निर्णय पर विरोध तेज करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को ‘जल्दबाजी’ में अधिसूचित करने पर संप्रग सरकार को आड़े हाथों लिया. ममता ने कहा कि अल्पमत में होने के कारण उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.
ममता ने फेसबुक पर लिखा कि मुझे अभी अभी मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि केंद्र ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अधिसूचित कर दिया है. क्या किसी अल्पमत सरकार द्वारा ऐसा जल्दबाजी और जबरन करना नैतिक और लोकतांत्रिक है. वह भी ऐसे समय में जब पूरे देश में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा हो.
ममता ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को स्तब्ध करने वाला करार दिया. ममता ने कहा कि अल्पमत सरकार की ओर से ऐसे निर्णय उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं. यह लोकतांत्रिक परंपराओं का भी उल्लंघन करते हैं, वह भी ऐसे में जब पूर्व वित्त (प्रणब मुखर्जी) ने सात दिसंबर 2011 में लोकसभा में इस विषय पर कोई भी निर्णय करने से पहले सभी पक्षों के बीच सहमति बनाने की बात कही थी.
ममता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन बाद ही संप्रग सरकार में तृणमूल के सभी मंत्री प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. तृणमूल के लोकसभा में 19 सांसद है और उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी समय मांगा है ताकि संप्रग सरकार से समर्थन वापसी का पत्र औपचारिक रूप से सौंप सकें.