तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार लगता है कि मनमोहन सिंह पर ममता नहीं दिखाने का इरादा कर लिया है. खुदरा बाज़ार में विदेशी निवेश को मंज़ूरी और डीज़ल की महंगाई पर मचे हंगामे के बीच ममता बनर्जी ने नया दांव खेला है.
सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के मंत्री यूपीए सरकार से हट सकते हैं. ममता बनर्जी के ये तेवर उनका अल्टिमेटम पूरा होने से पहले ही सामने आए हैं. एफडीआई और डीज़ल पर लिए गए फ़ैसले वापस लेने के लिए दीदी ने 72 घंटे का अल्टिमेटम दे रखा है, जो कल यानी सोमवार को पूरा हो जाएगा. अगले दिन यानी मंगलवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की बैठक है.
सूत्रों से पता चला है कि बैठक के अगले दिन केंद्र सरकार में शामिल तृणमूल के सभी मंत्री इस्तीफ़ा दे सकते हैं. केंद्र में तृणमूल के 1 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री शामिल हैं.
इससे पहले प्रवासी भारतीय मामले के केंद्रीय मंत्री व्यालार रवि ने संकेत दिया था कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध छोड़ने के लिए मनाने का प्रयास करेगी.
रवि ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार खुदरा कारोबार में एफडीआई का फैसला वापस लेने के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा दिए गए 72 घंटे के समय को गंभीरता से लेगी और कांग्रेस के सम्बंधित नेता ममता से बातचीत करेंगे.