लगता है कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया है. चाहे पेट्रोल के दाम हों या फिर एफडीआई का मुद्दा, किसी न किसी मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है.
ताजा मामले में कांग्रेस से नाराज ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर लेफ्ट के साथ मिले होने का आरोप लगाया है. ममता ने कहा है कि उन्होंने पीएम और सोनिया गांधी की कभी बुराई नहीं की फिर भी कांग्रेस उनपर बिना वजह इल्जाम लगाती रहती है.
दोनों के रिश्तों में खटास का अंदाजा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं. राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस के तृणमूल से पल्ला झाड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
हाल ही में कोलकाता के साल्ट लेक स्थित इंदिरा भवन में किसी और नाम से अकादमी खोने के ममता के फैसले से भी दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ी हैं. गौरतलब है कि ममता सरकार ने साल्ट लेक स्थित इंदिरा भवन में नजरूल अकादमी खोले जाने का प्रस्ताव रखा है जिससे राज्य के कांग्रेसी नेता नाराज हैं.