देशभर में जहां बंद का असर दिखा वहीं पश्चिम बंगाल इससे अछूता नजर आया. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ने बंद का समर्थन ना करने के लिए प्रदेश की जनता को शुक्रिया कहा साथ ही उन्होंने कहा कि बंद की राजनीति ने सियासत का सर्वनाश कर रखा है.
ममता बनर्जी ने कहा, 'लेफ्ट की बंद राजनीति नाकाम हो गई. मैं बंगाल की जनता का इस बंद में शामिल ना होने के लिए आभार प्रकट करती हूं. बंद राजनीति ने सियासत का सर्वनाश कर दिया है. डराकर बंद की सियासत ठीक नहीं है.'
ममता ने एक बार फिर साफ शब्दों में कहा कि वह बंद के समर्थन में नहीं हैं लेकिन एफडीआई का समर्थन भी वो कभी नहीं करेंगी. उन्होंने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'जनता विज्ञापन से नहीं चलती है. मेरे लिए सत्ता से बढ़कर जनता है.'
उन्होंने साथ ही अपने फोन टैप होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका फोन पहले भी टैप किया गया है. ममता बनर्जी ने कहा कि उनके कर्मचारियों ने समय से पहले दफ्तर पहुंच कर बंगाल में बंद को बेअसर किया. उन्होंने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रपति से समय मिलने पर शुक्रवार को यूपीए सरकार से समर्थन वापसी का पत्र उन्हें सौंप देगी'
वहीं ममता बनर्जी ने एफडीआई के विवाद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को घसीट लिया. ममता ने दावा किया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अपने पुराने रुख से हट गई है.
उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि मुखर्जी ने सात दिसंबर, 2011 को लोकसभा में कहा था कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का फैसला राजनीतिक सर्वसम्मति के बाद ही लिया जाएगा.
ममता ने फेसबुक पर लिखा, 'हमें बताइए कि केंद्र सरकार के इस बयान से कौन अलग हट गया?'