पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में हुई बैठक के बाद ऐलान किया कि टीएमसी अब यूपीए-2 से अलग हो रही है. ममता ने साफ तौर से कहा कि टीएमसी के नेता यूपीए से इस्तीफा देंगें. डीजल, गैस और रीटेल में एफडीआई के मुद्दे पर कोलकाता में हुई बैठक के बाद ममता ने अपना फैसला सुनाया.
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद कहा, ‘हम अपना समर्थन वापस ले रहे हैं. हमारे मंत्री दिल्ली जाएंगे और शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद तीन बजे प्रधानमंत्री से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप देंगे.’
ममता बनर्जी ने अपनी ओर से बातचीत का रास्ता खुला रखने का संकेत देते हुए कहा कि अगर केंद्र मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले का वापस लेता है, सब्सिडी प्राप्त रसाई गैस के सिलेंडरों की संख्या बढाकर 12 करता है और डीजल की कीमत में पांच रुपए की वृद्धि को तीन या चार रुपए तक किया जाता है, तो वह समर्थन वापसी के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती हैं.
कांग्रेस को स्पष्ट संकेत देते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार किसी एक पार्टी का शासन नहीं है. ममता के मुताबिक, ‘सरकार अन्य दलों के समर्थन पर निर्भर करती है. लेकिन बंगाल में हमारा अपना बहुमत है और हम किसी अन्य पर निर्भर नहीं हैं.’ ममता ने सरकार को बाहर से समर्थन देने की संभावना से इंकार किया और कहा कि उनका फैसला ‘आधे अधूरे मन’ से नहीं है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला, काला धन और उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि आदि जैसे मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि एफडीआई का फैसला कोयला घोटाले को दबाने के लिए किया गया. उन्होंने कांग्रेस पर ‘ब्लैकमेलिंग’ की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि जब भी उसे किसी सहयोगी दल से परेशानी में होती है तो वह दूसरे दल के पास जाती है.
ममता ने कहा, ‘जब उसे मायावती से परेशानी होती है तो वह मुलायम के पास जाती है. जब उसे मुलायम से परेशानी होती है तो वह नीतीश कुमार के पास जाती है. और यह ऐसे ही चलते रहता है.’ खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले पर उन्होंने कहा कि असंगठित खुदरा क्षेत्र में पांच करोड़ लोग हैं. ‘वे लोग कहां जाएंगे? यह आपदा के समान होगा.’