मल्टीब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और डीजल के मूल्य में हुई वृद्धि के मुद्दों पर हमला करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता मुखर्जी ने आरोप लगाया कि ‘लूट मची है’. साथ ही, उन्होंने इन कदमों को वापस लिए जाने पर ‘कड़े फैसले’ लेने की चेतावनी दी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि हम इन घटनाक्रमों को लेकर काफी गंभीर है और अगर इन मुद्दों पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो हम कड़े फैसले लेने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि हम डीजल की कीमतों में वृद्धि और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या कम किए जाने का समर्थन नहीं कर सकते. एक फैसले में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी दे दी गई. यह बड़ा झटका है. हमें इसका बहुत खेद है. हम ऐसी किसी भी चीज का समर्थन नहीं कर सकते जो गरीब और आम आदमी के खिलाफ हो. लूट चोलछे लूट (लूट मची है लूट).
तृणमूल कांग्रेस ने इन फैसलों को वापस लेने के लिए संप्रग सरकार को 72 घंटे की समय सीमा दी और पार्टी संसदीय दल की 18 सितंबर को आपात बैठक बुलाने का फैसला किया.
तृणमूल महासचिव और रेल मंत्री मुकुल रॉय ने कहा कि हम फैसले को वापस लेने के लिए 72 घंटे की समय सीमा दे रहे हैं. अगर सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो मंगलवार को होने वाली तृणमूल संसदीय पार्टी की बैठक में हम चर्चा करेंगे और कठोर रुख अपनाएंगे.
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस खुदरा, बीमा और उड्डयन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एफडीआई की अनुमति देने की प्रबल विरोधी हैं क्योंकि यह देश की जनता के लिए नुकसानदेह होगा.
उन्होंने कहा कि हम खुदरा कारोबार में एफडीआई के पक्ष में नहीं हैं. हम उड्डयन क्षेत्र में भी एफडीआई के पक्ष में नहीं हैं. हम हमेशा आम आदमी के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि अपने चुनाव घोषणा पत्र में जो कुछ भी हमने उठाया उसपर हम कायम रहेंगे.