देश में लगातार बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर यूपीए की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने रुख कड़ा कर लिया है. ममता बनर्जी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि कीमतों में बढ़ोतरी को सहन नहीं किया जाएगा.
हालांकि ममता बनर्जी इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्वदेश लौटने का इंतजार कर ही हैं, जो इस वक्त जी-20 के सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांस के शहर कान में हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से स्वदेश लौटने के बाद मुलाकात का अनुरोध भी किया है.
इस बीच, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि वह पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता की चिंताओं से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अवगत कराएंगे.
ममता का यह रुख पार्टी के सांसदों द्वारा पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमत पर चिंता जताने के बाद आया है. पार्टी ने सरकार पर इस बारे में उसे अंधेरे में रखकर एकतरफा फैसला लिए जाने का आरोप लगाया है. तृणमूल सांसदों की बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा, 'सभी सांसदों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने लिखित में कहा है कि यदि सरकार इसी तरह अपनी मर्जी से फैसले लेती रही तो हम सहयोगी नहीं रह सकते. वे सरकार और गठबंधन से भी अलग होने के पक्ष में हैं.'
केंद्र की गठबंधन सरकार के एक महत्वपूर्ण घटक दल तृणमूल की अध्यक्ष ने कहा, 'सरकार में हमारे एक कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्री भी हैं. लेकिन उन्हें महत्व नहीं दिया जा रहा है.' उन्होंने अपनी पार्टी की चिंताओं से केंद्रीय मंत्रियों जयराम रमेश तथा आनंद शर्मा को अवगत कराने और प्रधानमंत्री के स्वदेश लौटने पर आठ, नौ या 10 नवम्बर को उनसे मुलाकात की इच्छा जताई.
तृणमूल सत्तारूढ़ गठबंधन में दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है. लोकसभा में इसके 18 सांसद हैं. वहीं, नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मुझे अपनी चिंताओं से वाकिफ करा दिया है. गठबंधन में हम साथ हैं. साथ ही देश के व्यापक हित के लिए काम करने को लेकर भी हम प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने मुझसे जो कुछ भी कहा है, मैं उससे प्रधानमंत्री और संप्रग अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा.'
कोलकाता में टीएमसी संसदीय दल की बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले 12 माह में 11 बार पेट्रोल की कीमतों में इजाफा पार्टी को स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा कि वे लोगों के प्रति जिम्मेदार हैं, न कि कांग्रेस के प्रति.
ममता ने कहा कि वे नहीं चाहती हैं कि केंद्र सरकार गिरे, लेकिन अगर सरकार का ऐसा ही रुख रखा, तो वे समर्थन वापस ले लेंगी. उन्होंने कहा कि इस तरह दाम बढाने से पहले कांग्रेस से अपने सहयोगी दलों से मशविरा नहीं किया.
बहरहाल, ममता बनर्जी ने महंगाई के मुद्दे पर अपने पत्ते तो खोल दिए हैं, पर देखना यह है कि टीएमसी का यह कहीं सियासी दांव न साबित हो.