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मंदौर: यहां रावण दहन नहीं, रावण पूजा होती है

रावण विद्वान था और उसकी विद्वता के खुद भगवान राम भी कायल थे. शायद इसीलिए उन्‍होंने लंका पर चढ़ाई करने से पहले पूजा करवायी तो ब्राह्मण के रूप में रावण को ही बुलाया.

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रामानंद सागर की रामायण के पात्र रावण
रामानंद सागर की रामायण के पात्र रावण

रावण विद्वान था और उसकी विद्वता के खुद भगवान राम भी कायल थे. शायद इसीलिए उन्‍होंने लंका पर चढ़ाई करने से पहले पूजा करवायी तो ब्राह्मण के रूप में रावण को ही बुलाया.

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रावण का एक पक्ष बुराई का भी है और इसलिए दशहरा पर हर जगह रावण के पुतले को जलाया जाता है, लेकिन मंदौर में लोग प्रकांड पंडित रावण की पूजा करते हैं.

मान्यता के मुताबिक रावण की शादी मंदावर के राजा की बेटी मंदोदरी से हुई थी. इसी मंदावर को आज मंदौर के नाम से जाना जाता है.

पहले लोग घरों में रावण की पूजा करते थे लेकिन वर्ष 2008 में एक मंदिर का निर्माण किया गया. भगवान शिव और रावण की मूर्ति लगायी गई. उसके बाद से हर दिन मंदिर में रावण की पूजा होती है.

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