अतिरिक्त जिलाधिकारी यशवंत सोनवणे को तेल माफिया के संदिग्ध लोगों द्वारा जिंदा जलाकर मार देने की घटना के बाद महाराष्ट्र में नासिक जिले का मनमाड कस्बा देशभर में सुखिर्यों में है.
मनमाड के नजदीक पनेवाड़ी में जहां सोनवणे को जिंदा जलाया गया था वहां भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बड़े-बड़े डिपो हैं जहां से राज्य के तकरीबन 12 जिलों में तेल की आपूर्ति की जाती है. मनमाड पहले नासिक के अतिरिक्त जिलाधिकारी और जिला आपूर्ति कार्यालय से संबंधित था लेकिन पिछले दो साल से यह अतिरिक्त जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आ गया.
पेट्रोल, डीजल और किरोसिन तेल की मिलावट को लेकर राजस्व अधिकारियों की तरफ से पहले भी कदम उठाए गए थे लेकिन नेताओं और नौकरशाहों के वरदहस्त के कारण यह कार्रवाई परवान नहीं चढ़ पाई थी.
सोनवणे की हत्या के मुख्य अभियुक्त पोपट दत्तू शिंदे के खिलाफ ही तेल मिलावट के दस मामले 2001 से विचाराधीन हैं. साल 2006 में मालेगांव के तत्कालीन अनुमंडलीय न्यायिक अधिकारी देवीदास चौधरी ने उसे एक साल के लिए जिला बदर करने का आदेश दिया था लेकिन अपने राजनीतिक पहुंच के कारण शिंदे राज्य सचिवालय से इस आदेश को निरस्त करवाने में सफल रहा था.