एशिया की दो बड़ी ताकतों के नेता आज बातचीत की टेबल पर आमने सामने हैं. भारत दौरे पर आए चीन के पीएम वेन जियाबाओ और पीएम मनमोहन सिंह की बातचीत अहम मुद्दों पर शुरू हो गई है.
पूरे देश और दुनिया की नजर इस बातचीत पर टिकी है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सुरक्षा परिषद की स्थाई सीट की भारत की मांग पर चीन समर्थन करेगा. अगर हां तो इसके बदले में चीन भारत से क्या मांग सकता है?
इसके अलावा सीमा विवाद, वीजा, ब्रह्मपुत्र नदी के पानी समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी.
साथ ही कारोबार भी जियाबाओ के एजेंडे में सबसे ऊपर है. उम्मीद है कि इस दौरे में 20 अरब रुपये के समझौतों पर दस्तखत होंगे.
चीनी प्रतिनिधि मंडल में 100 बड़े कारोबारी भी आए हुए हैं.
चार सौ उद्योगपतियों के भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल और अधिकारियों के साथ नई दिल्ली आए वेन से उम्मीद है कि वो भारत की चिंताओं का समाधान करेंगे.
चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और जियाबाओ की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से वर्ष 2010 में ही विभिन्न स्थानों पर कुल 10 बार मुलाकात हुई हैं. दोनों देश रूस और ब्राजील के साथ मिलकर कई वैश्विक मुद्दों पर एक साथ काम भी कर रहे हैं.
इस बैठक में व्यापार, नवीनीकृत ऊर्जा, आधारभूत संरचना और वित्तीय क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
जियाबाओ 2005 में भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कुछ तय नियमों पर दोनों देश राजी हुए थे. लेकिन इनका पूरी तरह पालन नहीं हुआ. आज इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है.
इसके अलावा चीन के साथ मीडिया, बैंकिंग, आर्थिक सहयोग, जल संसाधन पर भी होगा समझौता.