ईरान में होने जा रहे गुट निरपेक्ष आंदोलन के 16वें सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंगलवार को तेहरान पहुंच गए.
चार दिवसीय यात्रा पर निकले मनमोहन की इस दौरान ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदीनेजाद से मुलाकात होगी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी तथा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मिस्र की सरकार के प्रमुखों से भी मुलाकात संभावित है.
मनमोहन सिंह की ईरान यात्रा ऐसे समय में हो रही है जबकि पश्चिमी देश उस पर परमाणु कार्यक्रमों को लेकर दबाव बना रहे हैं.
ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद से मनमोहन सिंह की मुलाकात बुधवार को होने वाली है, जिस पर दुनियाभर की नजर रहेगी. दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत होगी.
मनमोहन सिंह की अहमदीनेजाद से मुलाकात से पहले विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि भारत पिछले दो साल में ईरान के साथ आर्थिक संबंधों में आई मजबूती को और बढ़ाने पर जोर देगा.
मथाई ने कहा, 'हमारे सम्बंध मजबूत हुए हैं. जहां तक व्यापार का संबंध है, संतुलन का पलड़ा ईरान की तरफ झुका हुआ है और हम व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.'
2011-12 में ईरान से भारत का आयात 12 अरब डॉलर और निर्यात तीन अरब डॉलर का था.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अमेरिकी चिंताओं के बारे में ईरान को अवगत कराएगा, मथाई ने कहा, 'शांति एवं सुरक्षा हमारी प्रमुख चिंताएं हैं. यह हमारी चिंता है और हमें किसी अन्य की चिंता को प्राथमिकता में नहीं लेना है.'
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का सम्मेलन 30-31 अगस्त के बीच होगा. उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री विश्व-व्यवस्था में आए बदलाव को देखते हुए 120 सदस्यों वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन को पुर्नजीवित करने पर बल देंगे.
सम्मेलन से भारत की आशाओं के बारे में पूछे जाने पर मथाई ने कहा, 'गुट निरपेक्ष आंदोलन आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना यह अपने गठन के समय (1961) था. वैश्विक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार तथा खाद्य सुरक्षा एवं ऊर्जा के मुद्दे पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए हमें इस आंदोलन को फिर से मजबूत करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'यह समय वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बल देने का है.'
प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह ने इससे पहले 2006 में हवाना में और 2009 में शर्म-अल-शेख में हुए गुट निरपेक्ष सम्मेलनों में हिस्सा लिया था. वह शुक्रवार को स्वदेश लौटेंगे.