प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांधीवादी अन्ना हज़ारे से वादा किया है कि उनकी सरकार एक सशक्त लोकपाल कानून बनाने के लिये प्रतिबद्ध है और निकट भविष्य में ऐसा कर लिया जायेगा.
चेहरा पहचानें, जीतें ईनाम. भाग लेने के लिए क्लिक करें |
मनमोहन सिंह ने हज़ारे के 21 सितंबर के पत्र के जवाब में उन्हें खत भेजकर कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, हम एक सशक्त लोकपाल कानून बनाने के लिये प्रतिबद्ध हैं और हमें उम्मीद हैं कि निकट भविष्य में हम इसमें सफल हो जायेंगे.’
प्रधानमंत्री ने जनलोकपाल के लिये आंदोलन चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता से कहा कि इसके अलावा सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने और शासन में सुधार लाने के लिये एक व्यापक एजेंडे पर भी काम कर रही है.
मनमोहन सिंह ने हज़ारे को बताया कि इसमें कई कानूनी, कार्यकारी और तकनीकी पहल को शामिल किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकपाल की स्थापना इस व्यापक एजेंडे का ही एक हिस्सा है.
ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के हज़ारे के सुझाव पर सिंह ने अपने जवाबी खत में कहा, ‘इस बारे में मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं. हम संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के कार्यान्वयन को आगे ले जाने के लिये प्रतिबद्ध हैं. हमारा लगातार यही प्रयास है कि हम ग्राम सभाओं को सही मायने में अधिकार संपन्न बनाने के सपने को पूरा करने के लिये राज्यों के साथ मिलकर काम करें.’
प्रधानमंत्री ने चुनाव सुधारों के संदर्भ में हज़ारे से कहा कि उनकी सरकार इस संबंध में विभिन्न प्रस्तावों पर सक्रियता से विचार कर रही है.
उन्होंने बताया, ‘जिन अनेक प्रस्तावों पर ध्यान दिया जा रहा है, उनमें से ‘राइट टू रिजेक्ट’ के प्रस्ताव का आपने उल्लेख किया.’ मनमोहन सिंह ने हज़ारे से अपने खत में कहा, ‘एक लोकतांत्रिक समाज में कुछ मुद्दों पर राजनीतिक सहमति जरूरी होती है. हम चुनाव सुधार के कई प्रस्तावों पर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करना चाहते हैं और उन प्रस्तावों पर आगे कार्रवाई करना चाहते हैं, जिन पर मोटे तौर पर सहमति बनती है.’
प्रधानमंत्री ने हज़ारे के 21 सितंबर के पत्र के लिये उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा, ‘मुझे खुशी है कि आपने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचारों से मुझे अवगत कराया है. आपके सुझावों के लिये मैं आपको फिर धन्यवाद देता हूं.’