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घोटालों के दोषियों को दंडित किया जाएगा: मनमोहन

भ्रष्टाचार से पुरजोर तरीके से निपटने का प्रण करते हुए कांग्रेस नीत संप्रग ने वादा किया कि घोटालों के दोषियों को दंडित किया जायेगा. संप्रग ने जनता को आश्वासन दिया कि सरकार कथनी के बजाय करनी से ऐसा करके दिखायेगी.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

भ्रष्टाचार से पुरजोर तरीके से निपटने का प्रण करते हुए कांग्रेस नीत संप्रग ने वादा किया कि घोटालों के दोषियों को दंडित किया जायेगा. संप्रग ने जनता को आश्वासन दिया कि सरकार कथनी के बजाय करनी से ऐसा करके दिखायेगी.

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पिछले कुछ महीनों में भ्रष्टाचार के मामलों के चलते कांग्रेस नीत संप्रग-2 की शासन करने की छवि को पहुंचे नुकसान की पृष्ठभूमि में इस सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार शाम को ‘संप्रग सरकार: जनता को रिपोर्ट’ जारी की.

रिपोर्ट में मौजूद अपनी संक्षिप्त टिप्पणियों में सोनिया ने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचार के मुद्दे से पुरजोर तरीके से निपटेंगे और शब्दों के बजाय कार्यों से यह साबित करेंगे कि हम जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं.’’

प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘इन घटनाक्रम ने शासन की स्थिति और भ्रष्टाचार की व्यापकता को लेकर कई नागरिकों को चिंता में डाल दिया है. ये तर्कसंगत चिंताएं हैं और संप्रग सरकार सुधारात्मक उपाय करने के लिये दृढ़ संकल्पित है. हम उचित कानूनी प्रक्रिया के जरिये दोषियों को दंडित करेंगे.’’

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उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये भी कदम उठायेगी. महत्वपूर्ण रूप से, प्रधानमंत्री ने 2-जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खलों से जुड़े खरीद और अनुबंध के मुद्दों और राज्य सरकारों में भी समान तरह के मुद्दों का जिक्र किया.

मनमोहन सिंह ने कहा कि इनमें से कई मामले हमारी संस्थागत निगरानी व्यवस्था और स्वतंत्र प्रेस के जरिये सामने आ पाये जो काफी हद तक हमारी व्यवस्था की ताकत को दर्शाता है. सिंह ने कहा, ‘‘हमने व्यवस्थागत बदलाव लाने के लिये कई उपाय किये हैं जिनसे शासन में सुधार लाने और भ्रष्टाचार से निपटने में मदद मिलेगी. हमें उम्मीद है कि इन कोशिशों के त्वरित नतीजे देखने को मिलेंगे.’’

रिपोर्ट कार्ड में भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिये सरकार द्वारा किये गये उपायों के रूप में इस वर्ष जनवरी में गठित मंत्री-समूह और भंडाफोड़ करने वालों (व्हिसलब्लोअर) की सुरक्षा से जुड़े विधेयक का विस्तृत तौर पर उल्लेख किया गया.

रिपोर्ट कहती है कि मंत्री-समूह के कार्यक्षेत्र में भ्रष्टाचार से निपटने, पारदर्शिता में सुधार लाने और केंद्र के मंत्रियों के विवेकाधीन अधिकारों पर बंदिशें लगाने के लिये जरूरी सभी विधायी और प्रशासनिक उपाय करने पर विचार करना शामिल है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार स्वच्छ छवि वाला और प्रभावशाली शासन देने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम जनता को स्वच्छ और प्रभावशाली शासन देने की हमारी कोशिशों में कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे.’’ रिपोर्ट कार्ड में जोर दिया गया है कि मंत्री-समूह भ्रष्टाचार के आरोपी नौकरशाहों के सभी मामलों को फास्ट ट्रेक पर निपटाने, सरकार द्वारा की जाने वाली खरीद तथा दिये जाने वाले ठेकों में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित कराने और प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल के लिये खुली और प्रतियोगी प्रणाली शुरू करने के बारे में भी विचार करेगा.

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रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भ्रष्टाचार से निपटने की दिशा में महसूस की गयी एक बाधा शिकायतकर्ताओं को मिलने वाला अपर्याप्त संरक्षण है. इसके लिये लोकसभा में 26 अगस्त 2010 को ‘जनहित में खुलासा और खुलासा करने वालों के संरक्षण के लिये विधेयक 2010’ :व्हिसलब्लोअर बिल: पेश किया गया.’’ सरकार ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की भ्रष्टाचार निरोधक संधि का अनुमोदन कर दिया है. इस संधि का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिये ‘विदेशी अधिकारी और सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय संगठन भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2011’ को 25 मार्च 2011 को लोकसभा में पेश किया गया.

रिपोर्ट कार्ड में आर्थिक हालात, कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, बाहरी तथा आंतरिक चुनौतियां, रेलवे और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों का जिक्र है. सिंह ने आर्थिक हालात के बारे में कहा कि देश में वर्ष 2004-05 से 2010-11 के बीच 8.5 फीसदी की अप्रत्याशित वृद्धि दर रही है. यह वृद्धि दर इस अवधि में गंभीर वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद रही है.

प्रधानमंत्री ने खासकर कृषि क्षेत्र में प्रदर्शन को ‘संतोषजनक’ करार दिया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2008-09 में वित्तीय संकट के कारण वृद्धि दर कम होकर 6.8 फीसदी पर आ गयी लेकिन अर्थव्यवस्था ने फिर मजबूती दिखाते हुए वर्ष 2010-11 में 8.6 फीसदी की अच्छी वृद्धि दर दर्ज की.

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मनमोहन सिंह ने कहा कि खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतें पिछले वित्तीय वर्ष में चिंता का मुख्य कारण रही. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिये कई उपाय किये और वह वर्ष 2010-11 में भी उपाय करना जारी रखेगी. सरकार का भविष्य में भी अधिक कोशिशें करने का इरादा है. प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि वाम विचाराधार वाले चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कम हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार इन खामियों को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘हम चरमपंथ से पुरजोर तरीके से निपटेंगे लेकिन हम यह भी स्वीकार करते हैं कि वाम विचाराधार वाले चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में विकास की कमी है. हम इस कमी को दूर करने के लिये दृढ़ संकल्पित हैं.’’ बाहरी सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और आधुनिक हथियार प्रणालियों के स्वदेश में निर्माण पर ध्यान केंद्रित रखेगी.

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