प्रधानमंत्री पर गठबंधन की आड़ में भ्रष्टाचार पर लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि मनमोहन सिंह पत्रकार वार्ता में ‘देश के लिए मजबूर लेकिन 10 जनपथ के लिए मजबूत प्रधानमंत्री’ के रूप में दिखे.
वर्तमान राजनीतिक विवादों के बीच प्रधानमंत्री के इस्तीफा नहीं देने और इस बारे में कोई अटकल लगाने से साफ इनकार करने की टिप्पणी का जिक्र करते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में देश को कोई संदेश देने में विफल रहे लेकिन उन्होंने 10 जनपथ को मजबूत संदेश दे दिया है कि वह बीच में हटने वाले नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि सिंह ने अगले प्रधानमंत्री के रूप में कोई अटकल लगाने से इनकार किया और यह भी नहीं बताया कि राहुल गांधी को कब मौका मिलेगा. इस तरह वह देश को तो संदेश नहीं दे पाए लेकिन 10 जनपथ को जरूर संदेश दे दिया है. {mospagebreak}
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान राजनीतिक विवादों के बीच उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है और उन्होंने इस बारे में कोई अटकल लगाने से साफ इनकार किया कि प्रधानमंत्री पद का अगला उम्मीदवार कौन है. भाजपा ने प्रधानमंत्री की प्रेस वार्ता को ‘अत्यंत निराशाजनक’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह विभिन्न घोटालों की लीपापोती करने का प्रयास है.
प्रधानमंत्री के नुकसान की तुलना खाद्यान्न पर दी जाने वाली सब्सिडी से करने की आलोचना करते हुए माकपा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने एक तरह से स्पेक्ट्रम घोटाले को सही ठहराने की कोशिश की है. इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए तिवारी ने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के प्रदर्शन पर उन्हें 10 में से 10 अंक देती है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े छह वर्षों में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता कद इसका सबूत है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि संप्रग सरकार किसी भी तरह की अनियमितता के खिलाफ प्रतिबद्धता और दृढ़ता से कार्रवाई करती है जबकि भाजपा का रिकाई इसके प्रतिकूल है और मुख्य विपक्षी पार्टी ऐसे मामलों को ढकने का काम करती है.
तिवारी ने उन विचारों को भी खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री अकेले पड़ गए हैं. उन्होंने कहा, ‘पार्टी और प्रधानमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है. पार्टी ने हर मौकों पर प्रधानमंत्री का समर्थन किया है.’
गठबंधन राजनीति की मजबूरी के बारे में प्रधानमंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने सही अर्थों में गठबंधन की राजनीति की वास्तविकता और मजबूरी को रेखांकित किया है लेकिन यह गठबंधन पर फिर से विचार करने का प्रतीक नहीं है.’ प्रधानमंत्री के 2जी स्पेक्ट्रम को जायज ठहराने के विपक्ष के आरापों के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि इसे संदर्भ से अलग करके पेश किया जा रहा है.