पूर्व मंत्री ए. राजा के मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को संसद में कोई बयान नहीं देंगे.
दूसरी ओर विपक्ष इस मसले पर संसद में प्रधानमंत्री के वक्तव्य दिए जाने को लेकर अड़ा हुआ है. आखिरकार दबाव के चलते स्पेक्ट्रम राजा ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन राजा के जाने भर से ये कहानी खत्म नहीं होने वाली है. कम से कम विपक्ष का तो यही कहना है.
संसद की कार्यवाही शुरू हाने के बाद विपक्ष के रवैये से साफ है कि सदन में हंगामा और बढ़ेगा. बीजेपी और लेफ्ट ने मांग की है कि उन्हें स्पेक्ट्रम के अलावा आदर्श और सीडब्ल्यूजी मामले में भी जेपीसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. बीजेपी का कहना है कि राजा के जाने से इस मुद्दे पर कोई फर्क नहीं पड़ता, जांच और कार्रवाई जरूरी है.