प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वस्तु एवं सेवा कर लागू किये जाने के मामले में राज्यों से आज सहयोग मांगा. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अगले वित्त वर्ष 2011-12 से लागू किया जाना है.
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक (एनडीसी) में कहा कि संसाधनों के संग्रह में कर ढांचा और कर प्रशासन में सुधार एक महत्वपूर्ण कदम है. इस संदर्भ में जीएसटी महत्वपूर्ण है और मैं मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करूंगा कि वे एक अप्रैल 2011 से जीएसटी लागू करने के संबंध में अपना पूरा समर्थन दे. प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब राजग शासित कई राज्यों ने एक अप्रैल 2011 से जीएसटी लागू किये जाने के संबंध में संदेह जताया है.
राज्यों और केंद्र के बीच मतभेद के कारण नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू किये जाने में पहले ही एक साल का विलम्ब हो चुका है. एनडीसी की बैठक में अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं. जीएसटी लागू करने के लिये संविधान में संशोधन की जरूरत है. इसके लिये इसे संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत के साथ पारित करने और कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं में साधारण बहुमत से मंजूरी की जरूरत है.
संविधान संशोधन विधेयक के लिये लोकसभा के 362 सदस्यों और राज्य सभा के 161 सांसदों के इसके पक्ष में मतदान की जरूरत है. इसीलिए, संसद में विधेयक पारित करने के लिये मुख्य विपक्षी दल भाजपा के समर्थन की जरूरत है.