प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पी जे थॉमस की केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के रूप में नियुक्ति को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि वह इस फैसले का सम्मान करने के साथ ही इस मामले में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं.
डॉ. सिंह ने सीवीसी की नियुक्ति रद्द करने के निर्णय के एक दिन बाद कहा, ‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं और इस मामले में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं.’ यह पूछे जाने पर कि इस मुद्दे पर उनका भविष्य में क्या कदम होगा, उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो.’
विपक्ष के निशाने पर रहने वाले प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गठबंधन की बाध्यता से जुड़ा मामला नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं यह मानता हूं कि यह गठबंधन की बाध्यता से जुड़ा हुआ नहीं है. मैंने पहले ही कहा है कि मैं उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करता हूं.’ {mospagebreak}
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं यह मानता हूं कि उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला दिया है और एक देशभक्त नागरिक के तौर पर मैं इसे स्वीकार करता हूं. मैं इस फैसले का सम्मान करता हूं और अपनी जिम्मदारी स्वीकार करता हूं.’
प्रधानमंत्री से इससे पहले 2जी स्पेट्रम विवाद शुरू होने के बाद गठबंधन बाध्यता के बारे में संकेत किये जाने के संबंध में पूछा गया था. चूंकि वह सीवीसी की नियुक्ति करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति के मुखिया थे, जिसमें गृह मंत्री पी चिदम्बरम और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी थीं.
यह पूछे जाने पर कि इस मामले में उनका अगला कदम क्या होगा, उन्होंने कहा, ‘मुझे सबसे पहले संसद में बोलना चाहिए. मैंने इसके लिए अभी अपना मन नहीं बनाया है. लेकिन जो मुद्दा आपने उठाया है वह बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसा भविष्य में दोबारा न हो.’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने थॉमस की नियुक्ति रद्द करते हुए उच्चधिकार प्राप्त समिति को मनमानेपन और थामस के खिलाफ लंबित मामलों से संबंधित सामग्री को नजरंदाज करने के लिए दोषी करार दिया.