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देश की कई हस्तियों को जुदा कर गया साल 2011

हर साल दुनिया से कुछ वैसे लोग विदा होते हैं जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में अपने बहुमूल्य योगदान से अपनी अमिट छाप छोड़ी होती है. साल 2011 भी कुछ जानी मानी हस्तियों को हमसे जुदा कर गया.

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हर साल दुनिया से कुछ वैसे लोग विदा होते हैं जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में अपने बहुमूल्य योगदान से अपनी अमिट छाप छोड़ी होती है. साल 2011 भी कुछ जानी मानी हस्तियों को हमसे जुदा कर गया.
साल के शुरुआत में जाने माने शास्त्रीय गायक पंडित भीमसेन जोशी ने इस दुनिया को अलविदा किया. तो साल के अंत में हर फिक्र को धुंए में उड़ाने वाला देश का सबसे युवा अभिनेता देव आनंद ने अपनी आखिरी सांसें ली.
अपनी कूची से पेंटिंग को नए आयाम तक पहुंचाने वाले विवादास्पद पेंटर एम एफ हुसैन भी चिर निद्रा में सोने को चल पड़े.  वो देश के आधुनिक, सेकुलर और बहुसांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बुनियादी विचार के आखिरी जीवंत प्रतीकों में
से एक थे.
आध्यात्म गुरू सत्य सांई ने भी समाधि ले ली. उन्होंने दुनिया के लाखों अनुयायियों को सही नैतिक मूल्य के साथ उपयोगी जीवन जीने की प्रेरणा दी.
इस साल क्रिकेट लीजेंड और राजनीति का नवाब एम ए के पटौदी भी हमसे जुदा हो गए.
याहू शैली के कारण बेहद लोकप्रिय रहे हिंदी फिल्मों के पहले सिंगिंग-डांसिग स्टार जिन्होंने अपने विभिन्न किरदारों से दुनिया का मनोरंजन किया वो सदाबहार शम्मी कपूर भी अब इस दुनिया में नहीं रहे.
इस साल लोकप्रिय गायक और गजल सम्राट के उपनाम से प्रसिद्ध आवाज के जादूगर जगजीत सिंह भी इस दुनिया से रुखसत हो गए.
साहित्य के क्षेत्र की कई नामी गिरामी हस्तियों ने दुनिया से रुखसत किया. साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित 70 वर्षीय प्रसिद्ध असमिया लेखिका इंदिरा गोस्वामी का भी निधन हो गया. वो उल्फा के साथ सरकार की बातचीत की कड़ी थीं. तो, हिंदी साहित्य को राग दरबारी जैसा कालजयी उपन्यास देने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल भी अब नहीं रहे. जबकि साल के अंत में हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि, लेखक और आलोचक डॉक्टर कुमार विमल भी ईहलोक से गमन कर गए.

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